
रायपुर :- पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने मंगलवार को बीजेपी सरकार और ईडी दोनों पर तीखा हमला बोला। अपने बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने ईडी पर मौलिक अधिकारों के हनन और कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाया। साथ ही हसदेव के जंगलों की कटाई, बिजली बिल हॉफ योजना में बदलाव और महतारी वंदन योजना के बहाने जनता की जेब पर बोझ डालने के मुद्दों पर सरकार को घेरा।भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट से संरक्षण याचिका खारिज होने के बाद वे हाई कोर्ट की शरण में गए हैं। उनका आरोप है कि ईडी ने बिना नोटिस और कोर्ट की अनुमति के उनके बेटे को गिरफ्तार किया, जो PMLA एक्ट की धारा 44, 50 और 66 का खुला दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी 3 साल पहले मिले एकमात्र नोटिस के बाद अचानक की गई, वो भी एक ऐसे आरोपी के बयान पर जो खुलेआम घूम रहा है। बघेल ने गृह मंत्री विजय शर्मा पर भी निशाना साधते हुए पूछा कि क्या अब वे ईडी के प्रवक्ता बन गए हैं।पूर्व मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि “एक पेड़ मां के नाम” का नारा देने वाली बीजेपी सरकार ने अडानी को केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक में पेड़ काटने की अनुमति दे दी, जबकि वहां 99% घना जंगल और 6 लाख से अधिक पेड़ हैं। उन्होंने इसे जनविरोधी और पर्यावरण के लिए घातक फैसला बताया।बिजली बिल हॉफ योजना में बदलाव को लेकर बघेल ने कहा कि अब 100 यूनिट से ज्यादा खपत होने पर उपभोक्ताओं को पूरा बिल देना होगा, जिससे 50 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे। उनका आरोप है कि महतारी वंदन योजना के खर्च की भरपाई जनता की जेब से की जा रही है, शराब दुकानें बढ़ाई जा रही हैं और स्कूल बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया विकास नहीं, विनाश की ओर ले जा रहा है।