
बिलासपुर- हेमू नगर स्थित अटल आवास की बदहाली ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और महापौर पूजा विधानी की संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां रह रहे लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ये अटल आवास महापौर के निजी निवास के ठीक सामने स्थित है, बावजूद इसके समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हुआ। करीब चार महीने पहले गणेश नगर वार्ड क्रमांक 46 के दर्जनों रहवासियों को हेमू नगर के अटल आवास में शिफ्ट किया गया था। लेकिन यहां उन्हें न पानी मिल रहा, न साफ-सफाई और न ही सीवरेज की व्यवस्था। लीकेज से बहता सेप्टिक टैंक और चारों ओर फैली गंदगी से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है। पूरे परिसर में बदबू का आलम है, लेकिन जिम्मेदार बेपरवाह हैं।रहवासियों ने बताया कि तीन महीने से लगातार शिकायत कर रहे हैं। महापौर को कई बार मौखिक और लिखित रूप से सूचना दी गई। नगर निगम में आवेदन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। रोज़ सुबह लोगों को पानी भरने के लिए घंटों नलों की लाइन में लगना पड़ता है, जबकि ऊपर के फ्लैट्स में तो पानी पहुंचता ही नहीं है। बोरिंग फेल हो चुकी है और नई बोरिंग की बात कहकर अधिकारी सिर्फ टालते हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था है और न ही कचरा प्रबंधन। रहवासी खुद झाड़ू लेकर सफाई करने को मजबूर हैं। नालियों की निकासी तक सही नहीं है, जिससे परिसर में गंदा पानी जमा हो रहा है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब महापौर के घर के सामने रहने वालों की कोई सुनवाई नहीं हो रही, तो शहर के बाकी हिस्सों का क्या होगा।वार्ड वासियों का कहना है कि हम वार्ड 46 के रहवासी हैं, लेकिन अब महापौर के वार्ड क्रमांक 45 के अटल आवास में रह रहे हैं। हालत देखिए – सामने महापौर का घर है, फिर भी कोई पूछने वाला नहीं। क्या यही स्मार्ट सिटी है।क्या ऐसे मिलेगा सम्मानजनक जीवन। रहवासियों ने अब चेतावनी दी है कि यदि जल्द स्थायी समाधान नहीं मिला तो वे नगर निगम कार्यालय का घेराव और सामूहिक विरोध प्रदर्शन करेंगे।सवाल यही है जब महापौर के अपने वार्ड में ही जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर है,तो बाकी शहर के अन्य शेयरों का क्या हाल होगा।क्या नगर निगम और जनप्रतिनिधि सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित हैं।