
मंगला चौक से धुरीपारा मार्ग की सड़कों पर हल्की बारिश ने ही प्रशासन की पोल खोल दी है। सड़क पर जलभराव की स्थिति ऐसी है कि मानो पानी में डूबने को तैयार हो। जब मानसून की शुरुआत ही नहीं हुई, तब ये हाल है—तो बारिश के असली दिनों में क्या मंजर होगा, ये सोचकर ही लोग परेशान हैं।स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क निर्माण में भारी लापरवाही बरती गई। सड़क तो बनी, लेकिन कुछ ही दिनों में उखड़ने लगी। नालियों की सफाई नहीं हुई और कई जगह मलबे से उन्हें ढक दिया गया, जिससे पानी की निकासी पूरी तरह ठप हो गई है।हर बारिश के साथ हालात बदतर होते जा रहे हैं। जलभराव से न सिर्फ यातायात बाधित होता है, बल्कि लोगों के घरों और दुकानों में भी पानी घुसने लगा है। यह समस्या अब सिर्फ एक सड़क की नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुकी है।स्थानीय लोग जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सवाल कर रहे हैं—क्या वे इस बार कुछ ठोस कदम उठाएंगे या हमेशा की तरह मूकदर्शक बने रहेंगे? जवाब जनता चाहती है और अब और इंतजार नहीं किया जा सकता।