
– छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के एक छोटे से गांव रसोटा में एक युवक है, जो भगवान की मूर्तियाँ बनाकर न केवल अपनी रोजी-रोटी चला रहा है, बल्कि अपने हुनर से पूरे क्षेत्र में छा गया है। जी हा हम बात कर रहे हैं सनत साहू की, जिसकी बनाई हुई मूर्तियों को देखने और खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।”ये सिर्फ मिट्टी नहीं…ये है मेहनत, कला, और भक्ति की वो परिभाषा जो गांव रसोटा के युवा सनत साहू ने गढ़ी है। पामगढ़ ब्लॉक के इस छोटे से गांव में भगवान की ऐसी सुंदर मूर्तियाँ बन रही हैं, जिन्हें देखने और लेने के लिए लोग कई किलोमीटरों दूर से चलकर आ रहे हैं। गणेश चतुर्थी, कृष्ण जन्माष्टमी और दुर्गा पूजा जैसे पावन पर्वों को ध्यान में रखते हुए, सनत ने मनमोहक और जीवंत मूर्तियाँ तैयार की हैं।
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला यह युवा, अपनी कला से न सिर्फ अपना घर चला रहा है, बल्कि गांव का नाम भी रोशन कर रहा है। बच्चे हों या बड़े, हर कोई उसके बनाए भगवानों में कुछ खास भाव, भक्ति और आत्मा की मिसाल बन रहे हैं सनत साहू की यह मेहनत एक मिसाल है कि अगर लगन हो, तो मिट्टी से भी भगवान बनाए जा सकते हैं।जिस मिट्टी से भगवान बने, वही पेट की भूख भी मिटाए – रासोटा के इस युवा मूर्तिकार की कहानी हमें यही सिखाती है कि हुनर अगर दिल से किया जाए, तो वो लोगों के दिलों तक जरूर पहुंचता है