रेलवे बोर्ड ने लाईन बॉक्स को बंद कर सभी उपकरण और दस्तावेज ट्रॉली बैग में रखने के आदेश जारी कर दिया।जिससे ट्रेन मैनेजर के सामने बड़ी गम्भीर समस्या खड़ी हो गई है।लाइन बॉक्स को दोबारा शुरू करने की मांग पर 11 सितंबर को ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। बिलासपुर में भी गार्ड लाबी के सामने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ट्रेन मैनेजर शामिल हुए। ट्रेन मैनेजरों ने बताया कि केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर गार्ड लाइन बॉक्स के मुद्दे पर भारतीय रेलवे के प्रत्येक रेलवे के प्रत्येक जोनल, मंडल एवं मुख्यालयों के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि गार्ड को कुली ना बनाया जाये। ट्रेन मैनेजर के पद की गरिमा बनाये रखी जाय। गार्डो के लाइन बॉक्स को यथावत जारी रखना होगा। जिन स्थानों से इसे हटा दिया गया है, उसे फिर से बहाल करना होगा। जानकारी मिली कि ट्रेन मैनेजर रेलवे के द्वारा दिए गए 21 प्रकार के छोटे से बड़े उपकरणों को लेकर मालगाड़ी के ब्रेक यान पर चढ़ते हैं।इसके अलावा उनकी अतिरिक्त जरूर मंद सामान भी उनके साथ मौजूद रहती हैं। ऐसे में उन पर अतिरिक्त बोझ लादा जा रहा है। पूरे मालगाड़ी का इकलौता मैनेजर गार्ड होता है जो की अपने सामानों के साथ रेलवे के तमाम उपकरणों को ब्रेकयान में छोड़कर पूरे मालगाड़ी के एक-एक डिब्बे का पैदल भ्रमण करता है।अगर इस स्थिति में उनका सामान चोरी होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इसलिए वे चाहते हैं कि उनके लिए लाइन बॉक्स जरूरी नहीं है जो ट्रॉली बैग होता है उसे ही अथवत रखी जाए।इसके अलावा लाइन बाक्स बंद होने से हजारों बॉक्स पोर्टर बेरोजगार हो जाएंगे। उनकी माँग है कि संरक्षा उपकरणों को ब्रेकयान और इंजनों तक पहुँचाने का उचित व्यवस्था करें। जब तक यह सुविधा रेल प्रशासन द्वारा स्थापित नहीं किया जाता है तब तक लाइन बाक्स को चालू रखा जाए नही तो वे आगे जलकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

