
बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित 20 दिवसीय विकास वर्ग का शुभारंभ हुआ है। इस प्रशिक्षण वर्ग में 506 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं, जिन्हें वैचारिक, शारीरिक, बौद्धिक एवं सामाजिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य समाज के भीतर प्रभावी कार्यकर्ताओं का निर्माण करना है, जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।

इस शिविर में स्वयंसेवकों को योग, नियुद्ध और दंड अभ्यास के साथ-साथ राष्ट्र रक्षा, सेवा कार्य, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय चिंतन जैसे विषयों पर गहन व्याख्यान दिए जा रहे हैं। प्रशिक्षण का समय सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है, जिसमें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अनुशासन, संगठन, सेवा और आत्मनिर्भरता की भावना को विकसित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण वर्ग में महाकोशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत सहित छत्तीसगढ़, विदर्भ और झारखंड के 25 प्रांतों से स्वयंसेवक पहुंचे हैं। मुख्य वक्ता रामदत्त ने कहा कि आंतरिक विकास के लिए आध्यात्मिक बल आवश्यक है और संघ के प्रशिक्षण वर्ग इसी उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों में सेवा, समर्पण और संस्कार के गुणों का विकास होना चाहिए।