
सरगुजा ज़िले में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते 24 घंटों में तीन अलग-अलग गांवों में हाथियों के हमलों ने चार लोगों की जान ले ली। ग्रामीण दहशत में हैं, जबकि वन विभाग की ट्रैकिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।पहला हादसा बुधवार शाम बेवरा गांव में हुआ, जब खेत से लौट रहे राम कोरवा और उनकी बेटी प्यारी पर हाथियों ने हमला कर उन्हें कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।दूसरा हादसा गुरुवार तड़के ग्राम बकिला में हुआ,जहां महिला सनमेत बाई अपने घर के अंदर ही हाथी के शिकार बन गईं।

तीसरी घटना गुरुवार सुबह देवगढ़ गांव में घटी, जहां मोहर साय खेत जाते वक्त हाथियों के सामने आ गए और दर्दनाक मौत हुई।DFO अभिषेक जोगावत मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल बलरामपुर से लुण्ड्रा होते हुए गांवों में पहुंचा, लेकिन वन विभाग समय रहते इन्हें ट्रैक करने में नाकाम रहा।अब वन विभाग ने आसपास के गांवों में अलर्ट जारी किया है, लेकिन ग्रामीण पूछ रहे हैं अगर यह अलर्ट पहले जारी होता तो क्या चार जानें बच सकती थीं।