
बिलासपुर का सिम्स अस्पताल शहर एव आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है। यहां रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिनमें कई ऐसे होते हैं जिन्हें इमरजेंसी में रक्त की आवश्यकता पड़ती है। सिम्स में संचालित ब्लड बैंक ऐसे मरीजों को समय पर निशुल्क रक्त उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है। ब्लड बैंक के काउंसलर डॉ. अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते कुछ समय से सिम्स में रक्तदान करने वालों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोज कई गंभीर मरीज आते हैं, लेकिन ब्लड डोनर की कमी के चलते कई बार मरीजों को समय पर रक्त मिल पाना मुश्किल हो जाता है।

ब्लड डोनर्स की कमी का प्रमुख कारण कुछ निजी संस्थाओं की गतिविधियां हैं, जो ब्लड डोनेट करने वालों को हेलमेट, हेडफोन जैसे गिफ्ट देकर अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इसके चलते कई दाता सिम्स में आकर रक्तदान करने से कतराने लगे हैं और इन संस्थाओं के कैंपों की ओर रुख कर रहे हैं। डॉ. अनिल कुमार ने इन संस्थाओं से अपील की है कि वे सिम्स की भी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यहां भी रक्तदान शिविरों का आयोजन करें।

उन्होंने कहा कि रक्तदान जैसे नेक कार्य का उपयोग केवल प्रचार-प्रसार के लिए न किया जाए, बल्कि जरूरतमंद मरीजों की सहायता के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. ज्योति पोरते ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान में हर ब्लड ग्रुप की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से अनुरोध किया कि वे सिम्स में भी ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करें ताकि यहां की जरूरतें पूरी हो सकें। डॉ. पोरते ने यह भी कहा कि जिन संस्थाओं द्वारा बाहर कैंप लगाए जाते हैं, यदि वे सिम्स में भी नियमित रूप से शिविर आयोजित करें, तो यहां रक्त की उपलब्धता में काफी हद तक सुधार हो सकता है।

इससे मरीजों को समय पर जीवनरक्षक रक्त उपलब्ध कराया जा सकेगा। जनता से भी अपील की गई है कि वे जागरूक होकर नियमित रूप से रक्तदान करें, क्योंकि एक यूनिट रक्त किसी की जिंदगी बचा सकता है। सिम्स जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोजाना गंभीर मरीज आते हैं, जिन्हें तुरंत ब्लड की आवश्यकता होती है। यदि समाज के हर वर्ग का सहयोग मिले तो सिम्स ब्लड बैंक में रक्त की कमी की समस्या को दूर किया जा सकता है। यह केवल अस्पताल की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि जरूरतमंदों को जीवनदायी रक्त मिल सके।