तालापारा निवासी मोहम्मद शमशाद हुसैन को बेचैनी के साथ सीने में जलन हो रही थी। अपने बेटे के साथ सुबह 8:21 बजे वे सिम्स के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। यहां बैठे डॉक्टरों ने जांच करने की बजाय उन्हें ओपीडी पर्ची बनवाने एमआरडी हॉल भेज दिया। लाइन में लगकर 10 रुपए की पर्ची कटाई। वापस इमरजेंसी पहुंचे तो दूसरी मंजिल में मेडिसिन ओपीडी के डॉक्टर के पास भेज दिया। डॉक्टर ने यहां पूछताछ की और ईसीजी कराने की बात कहते हुए 50 रुपए की पर्ची बनवाने दोबारा एमआरडी हॉल भेज दिया। शमशाद हुसैन 9:14 बजे एमआरडी हॉल पहुंचे, पर्ची बनवाने फिर से लाइन में लगे। 9:16 बजे सीने में जलन हुई और वह गिर गए। बाजू में बैठे उनके बेटे ने उनकी जगह में लाइन लगाई। देखते-देखते वह बदहवास होने लगे और 9:19 बजे उन्होंने एमआरडी हॉल ही में दम तोड़ दिया।जब एमआरडी हॉल में शमशाद को बदहवास जमीन पर लेटे हुए एमआरडी प्रभारी शैलेंद्र रावत ने देखा तो उन्होंने वहां मौजूद गार्ड लक्ष्मी दूबे को आवाज लगाई। लक्ष्मी ने तुरंत एक व्हीलचेयर लाया। लाइन में खड़े अन्य लोगों ने शमशाद को उठाकर व्हीलचेयर में बिठाया। डॉक्टर के पास पहुंचे तो उनके शरीर में ईसीजी करने वाले उपकरण लगा दिए। चंद मिनट बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करते हुए मौत का कारण हार्ट अटैक बताया।
परिजनों ने उपचार में लापरवाही बताकर विरोध किया। लोगों की समझाइस के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चूरी भेज दिया गया।सिम्स अस्पताल प्रबंधन ने इन दिनों इमरजेंसी के पास से एमआरडी हॉल में जाने वाले रास्ते पर ताला लगा दिया है। इसी ताले लगे गेट के पीछे ही लिफ्ट भी छिप गई है। ऐसे में शमशाद हुसैन जब इमरजेंसी पहुंचे तो वहां से घूमकर एमआरडी जाना पड़ा। पर्ची कटाकर दूसरी मंजिल में डॉक्टर तक पहुंचने के लिए 36 स्टेप वाली सीढ़ी चढ़नी पड़ी। डॉक्टर से जांच कराकर 50 रुपए की पर्ची बनवाने के बाद फिर से 36 स्टेप वाली सीढ़ी उतरनी पड़ी। ऐसे में उनके सीने का दर्द और बढ़ गया। जिसके चलते उन्हें अटैक आया और उनकी मौत हो गई।मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में जिस तरह इलाज से पहले सरकारी अस्पताल में फार्म भरवाया जाता है, चाहे मरीज मर ही क्यों न जाए, ठीक उसी तरह की हरकतें सिम्स के डॉक्टर और प्रबंधन भी कर रहे हैं।इसी तरह हृदय दर्द की समस्या लिए सिम्स पहुंचे एक मरीज की उपचार और जांच से पहले उसे बार-बार पर्ची कटवाने भेजा गया। 54 मिनट तक मरीज पर्ची कटवाने यहां-वहां भटकता रहा। अंतत: एमआरडी हॉल के पर्ची काउंटर में लाइन में लगे-लगे अचानक गिर गया और उसकी मौत हो गई।