
बिलासपुर के सिरगिट्टी क्षेत्र में वर्षों से लंबित सड़क समस्या को लेकर शुक्रवार को लोगों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। वार्ड नंबर 10, 11 और 12 के रहवासी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन करते हुए रेलवे प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तितली चौक से रैली के रूप में निकले प्रदर्शनकारियों ने डीआरएम कार्यालय का घेराव किया और ज्ञापन सौंपते हुए अपनी वर्षों पुरानी बुनियादी मांग सड़क निर्माण को एक बार फिर पुरजोर ढंग से उठाया। शुक्रवार की सुबह सिरगिट्टी नगर निगम के वार्ड नंबर 10, 11 और 12 के सैकड़ों लोग तितली चौक पर एकत्र हुए। हाथों में तख्तियां और नारों से गूंजता हुजूम जब रेल प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद करता हुआ डीआरएम कार्यालय की ओर बढ़ा, तो शहर का माहौल एकदम गर्म हो गया। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आरपीएफ और तोरवा थाना पुलिस की भारी तैनाती रही।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि संतोषी मंदिर नयापारा से लेकर गुरुगोविंद सिंह नगर तक की सड़क वर्षों से अधूरी पड़ी है। कभी यह इलाका दो रास्तों से जुड़ा हुआ था – जो सिरगिट्टी के बाशिंदों के लिए जीवनरेखा थे। लेकिन रेलवे द्वारा लोको शेड निर्माण के दौरान ये दोनों रास्ते बंद कर दिए गए। राहत के तौर पर पांडव भवन से गुरुगोविंद नगर तक लगभग 1500 मीटर का एक वैकल्पिक रास्ता छोड़ा गया था, लेकिन हाल ही में रेलवे ने इस पर भी बाउंड्री वॉल खड़ी कर दी, जिससे लोगों का संपर्क पूरी तरह कट गया।वार्ड वासियों ने कहा रेलवे ने जो रास्ता छोड़ा था, उसमें भी सिर्फ 400 मीटर पर ही सीसी रोड बनी है। बाकी का रास्ता कीचड़, गड्ढों और अंधेरे में डूबा है। अब उसी अधूरी सड़क के लिए फिर से अनुमति मांगी जा रही है ताकि बाकी हिस्सा भी पक्का हो सके। स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़क के अभाव में स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एंबुलेंस और जरूरी सेवाएं भी समय पर नहीं पहुंच पातीं। दिन-प्रतिदिन की जिंदगी इस असुविधा की भेंट चढ़ चुकी है।

लोग कहते हैं कि अगर रेलवे जनहित की बात करता है, तो उसे ज़मीन पर भी जनता की प्राथमिक ज़रूरतों को समझना होगा।परेशान स्थानीय निवासियों का मानना है कि बच्चों का स्कूल छूट रहा है, बुजुर्ग इलाज के लिए रास्ता ढूंढ रहे हैं। ये कोई राजनीतिक मांग नहीं, जीवन से जुड़ी ज़रूरत है। अब और इंतजार नहीं करेंगे। आखिरकार वार्डवासियों ने डीआरएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि शीघ्र सुनवाई और समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अब देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस जमीनी समस्या पर कब और क्या कदम उठाता है। सिरगिट्टी के हजारों लोग इस उम्मीद में हैं कि शायद इस बार उनकी आवाज अनसुनी न रह जाए।