
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर बड़ा झटका लगा है। सीबीआई द्वारा चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को 32 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के बाद स्टेशन परिसर में निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अब स्टेशन पर सिर्फ सुरक्षाकर्मी नजर आ रहे हैं, जबकि इंजीनियर और कर्मचारी मौके से गायब हैं।रेलवे में हुए इस भ्रष्टाचार के मामले ने पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में हड़कंप मचा दिया है। सीबीआई ने झांझरिया निर्माण लिमिटेड के एमडी सुशील झांझरिया, विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद और कर्मचारी मनोज पाठक को भी गिरफ्तार किया है।

मनोज पाठक रिश्वत की रकम लेकर रांची पहुंचा था, जहां उसे रंगे हाथ पकड़ा गया। 395 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम कर रही झांझरिया निर्माण लिमिटेड भी अब जांच के घेरे में है।रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। नियमों के अनुसार, दो दिन की हिरासत के बाद संबंधित अफसर का निलंबन तय माना जाता है। अब सबकी नजरें सोमवार को जारी होने वाले आधिकारिक आदेश पर टिकी हैं। फिलहाल, बिलासपुर स्टेशन का विकास कार्य ठप है और पूरे रेलवे जोन में खलबली मची हुई है।