निगम के निगरानी के अभाव में फुटकर या अस्थाई विक्रेता, बड़े व्यापारी सभी कचरे की व्यवस्था पर लचर दिखे।
होली की विदाई तो हो गई लेकिन अपने पीछे छोड़ गई कचरे का अंबार, होली सामग्री बेचने वाले आस्थाई दुकानदार कागज, पन्नी, डिब्बा छोड़कर अपना डेरा टंटा समेट चले गए हैं। स्मार्ट सिटी में शामिल शहर इन दुकानदारों के चलते बदरंग नजर आ रहा है, जबकि निगम का स्पष्ट निर्देश था कि कचरे के निपटान की जिम्मेदारी दुकानदारों की होगी।

सड़क किनारे, यहाँ वहाँ कचरा न फैलाये, निगम के निगरानी के अभाव के चलते दुकानदार मनमानी कर भाग गये हैं, लापरवाही इतना कि नाली में दुकान की गंदगी, कचरा डाल दिये हैं। जिससे नाली जाम हो गया हैं। सड़क में कचरा फैलने से सफाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा गया है। अब देखना होगा कब तक निगम कर्मियों में होली की खुमारी दूर होती है और सफाई व्यवस्था दुरुस्त होगी।