वार्ड की समस्या दूर करने वार्ड पार्षद को निर्वाचित किया जाता है ताकि क्षेत्र की समस्या को निगम और प्रशासन तक पहुंचा सके, लेकिन चुनाव होने के बाद पार्षद इस तरफ पलट कर भी नहीं देखते और वार्ड वासी समस्याओं के बीच जूझते रहते हैं । और उन्हें लगता है कि पार्षद को चुनकर उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है ।देवरी खुर्द के वार्ड क्रमांक 42 के लक्ष्मी यादव की कार्यप्रणाली को लेकर वार्ड वासियों में जमकर आक्रोश है ।उनका कहना है यहां नाली सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर जूझ रहे हैं। जब इसकी शिकायत लेकर पार्षद के पास जाते हैं तो केवल आश्वासन देते हैं, वार्ड वासियों का कहना है कि चुनाव के समय ही पार्षद नजर आता है, उसके बाद पलट कर इस ओर नहीं देखता, उनका कहना है कि अब इस बार चुनाव में लक्ष्मी यादव के वार्ड में आने पर उसे भगा दिया जाएगा, क्योंकि वार्ड से संबंधित जनहित का कोई भी काम पार्षद ने नहीं किया है और शिकायत लेकर जाने पर भी कोई पहल नहीं करता।



देवरी खुर्द के वार्ड के निवासियों की शिकायत की पड़ताल करने जब जी न्यूज़ की टीम वहां पहुंची तो देखा की नालियां बजबजा रही है ,जबकि पार्षद लक्ष्मी यादव के घर के पास की गली का ही क्रांकीटिंगकारण हुआ है जबकि वार्ड की बाकी सड़के जर्जर और बदहाल है ।वही नालियां बजबजा रही है, साथ ही वार्ड वासियों का आरोप है कि कई दिनों से पेयजल की समस्या बनी हुई है ,इसकी शिकायत लेकर पार्षद के पास जाने पर केवल आश्वासन ही देता है ,जिस उम्मीद से लक्ष्मी यादव को पार्षद चुना गया है , उस पर वे खरे नहीं उतर रहे हैं ,जबकि वार्ड पार्षद का दायित्व है कि वार्ड वासियों की समस्या को निगम और प्रशासन तक पहुंचाएं लेकिन पार्षद लक्ष्मी यादव की इस बेरुखी से क्षेत्र वासीयो में बड़ा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि भाजपा छोड़कर निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीतने के बाद लक्ष्मी यादव ने एक बार फिर से भाजपा का दामन तो थाम लिया लेकिन वह पूरे समय कांग्रेसी नेताओं के साथ ही लगे रहते हैं। फिर भी ना तो कांग्रेस के शासनकाल में वे वार्ड की तरक्की के लिए कुछ कर पाए और ना ही वर्तमान में ही कुछ कर पा रहे हैं ।वार्ड के लोग उस भूल के लिए खुद को कोस रहे हैं जब उन्होंने लक्ष्मी यादव पर भरोसा कर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को वोट नहीं दिया था।

