
एक ओर जहां लोग अस्पतालों में अव्यवस्थाओं को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, बिना अनुमति अस्पताल परिसर में वीडियो बनाना अब विवाद का कारण बन गया है। शुक्रवार रात एक व्यक्ति द्वारा अस्पताल परिसर में वीडियो बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासन ने इसे कानून और संवेदनशीलता के खिलाफ बताया है।बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात अस्पताल के एक वार्ड में एक व्यक्ति ने महिला स्टाफ और मरीजों की मौजूदगी में वीडियो शूट किया। वीडियो में अस्पताल स्टाफ की कार्यशैली और व्यवहार पर सवाल उठाए गए। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि हॉस्पिटल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत बिना अनुमति अस्पताल परिसर में वीडियो बनाना प्रतिबंधित है, खासकर महिला वार्ड जैसे संवेदनशील हिस्सों में।स्टाफ की ड्यूटी रोटेशन में चलती है और सभी चौबीसों घंटे हर स्थान पर मौजूद नहीं रह सकते।अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को पत्र लिखकर वीडियो बनाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है। अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल अस्पताल कर्मियों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि मरीजों की निजता और सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने की होड़ में क्या हम जिम्मेदारी की सीमाएं भूलते जा रहे हैं।