
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गैंगरेप और दोहरी हत्या के पांच दोषियों की फांसी की सजा को घटाकर उम्रकैद में बदल दिया है।इन आरोपियों पर 16 साल की किशोरी से गैंगरेप करने और उसके पिता व भतीजी की हत्या करने का आरोप था।कोरबा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे बरकरार नहीं रखा।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्त गुरु की खंडपीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने दोषियों के सुधार और पुर्नवास की संभावना पर विचार नहीं किया।

अदालत ने माना कि अपराध जघन्य था और समाज को झकझोरने वाला था,लेकिन यह दुर्लभतम से दुर्लभ मामला नहीं है,जिसमें मृत्यु दंड जरूरी हो।अदालत ने कहा कि अपीलकर्ताओं की उम्र और अन्य परिस्थितियों पर विचार करते हुए मौत की सजा उपयुक्त नहीं है।इसी आधार पर अदालत ने सजा को उम्रकैद में बदला।मामले में एक अन्य आरोपी उमाशंकर यादव को पहले ही उम्रकैद की सजा दी गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है।फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी आरोपियों को हत्या, गैंगरेप, एससी-एसटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की गंभीर धाराओं में दोषी ठहराया था।हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार और समाज में नाराजगी और चिंता का माहौल बना हुआ है।