

बिलासपुर :- बिलासपुर से कटनी के बीच रोज़ाना चलने वाली मेमू लोकल ट्रेन यात्रियों के लिए अब सुविधा नहीं, बल्कि तकलीफ बन चुकी है। हर दिन सैकड़ों लोग इस ट्रेन से सफर करते हैं, लेकिन पीने के पानी, टॉयलेट की स्थिति और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का बुरा हाल है। सुबह 6 बजे रवाना होकर करीब 8 घंटे का सफर तय करने वाली इस ट्रेन में न वॉश बेसिन में पानी है, न टॉयलेट में, और न ही किसी स्टेशन पर रिफिलिंग की व्यवस्था। खासकर महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चों वाले यात्री बुरी तरह परेशान हैं।यात्रियों की शिकायत है कि ट्रेन की हालत दिन-ब-दिन और खराब होती जा रही है। बाथरूम की छत से पानी टपकता है, सीटों की गद्दियां फटी हुई हैं और फर्श जगह-जगह से टूटे हुए हैं। ऊपर की बर्थ से सामान गिरने की घटनाएं आम हैं,जिससे यात्रियों को बार-बार अपनी जगह बदलनी पड़ती है।पूरी ट्रेन में सफाई का नामोनिशान नहीं है। यात्रियों का कहना है कि यह लोकल ट्रेन गरीब और सामान्य वर्ग की लाइफलाइन है, लेकिन रेलवे की उदासीनता ने इसे ‘सजा’ बना दिया है।जब इस ट्रेन से हर दिन इतने लोग सफर करते हैं, तो रेलवे की जिम्मेदारी बनती है कि न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। लेकिन अफसरों की तरफ से हमेशा एक ही जवाब मिलता है देखरेख हो रही है। सवाल यह है कि जब देखरेख हो रही है, तो बदहाली क्यों दिख रही है? यात्रियों की मांग है कि रेलवे इस शिकायत को गंभीरता से लेकर व्यवस्था में सुधार करे, वरना आम आदमी के लिए रेल यात्रा राहत नहीं, सजा बनकर रह जाएगी।