बैसाखी पर्व के पावन अवसर पर दयालबंद स्थित गुरुद्वारा साहिब में खालसा साजना दिवस को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रतिदिन भोर से लेकर संध्या तक दीवान सजाए गए, जिनमें संगत को गुरबाणी की अमृतधारा से निहाल किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत रोजाना प्रातः 7:30 बजे से 9:15 बजे तक और सायं 7 बजे से 8:45 बजे तक दीवान सजाकर की गई। इन दीवानों में स्थानीय और बाहरी रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन प्रस्तुत कर संगत को आत्मिक सुख और शांति प्रदान की। 13 अप्रैल को बैसाखी पर्व के दिन एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में संगत की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे से साध संगत द्वारा शबद कीर्तन के साथ हुई, जो दोपहर 1 बजे तक चला। इसके बाद गुरुद्वारे के हजूरी रागी जत्था भाई जोगेंदर सिंह ने 11 बजे से 12 बजे तक अपनी मधुर वाणी में गुरबाणी कीर्तन प्रस्तुत किया।12 बजे से 12:30 बजे तक हेड ग्रंथी भाई मान सिंह बड़ला ने संगत को गुरुवाणी के दिव्य विचारों से परिचित कराया। इसके पश्चात 12:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक गंगानगर से पधारे प्रसिद्ध रागी भाई गगनदीप सिंह ने अपनी मनमोहक और भावपूर्ण कीर्तन प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम के समापन पर अटूट लंगर का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें संगत ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया। लंगर की सेवा में सेवादारों ने पूरे समर्पण के साथ भाग लिया, जिससे आयोजन को और भी भव्यता मिली। गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में गुरुद्वारा पहुंचकर सत्संग और गुरुकृपा का लाभ उठाएं तथा अपने जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करें।