
बिलासपुर के धुरीपारा मंगला क्षेत्र में चोरी की एक बड़ी वारदात ने पुलिस की गश्त और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के बंद पड़े मकान को चोरों ने निशाना बनाया और कंप्यूटर, होम थिएटर, मिक्सर ग्राइंडर समेत कई कीमती सामान समेट कर फरार हो गए। घर में CCTV कैमरे लगे होने के बावजूद अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। लोग पूछ रहे हैं — जब फुटेज है, इलाके मालूम हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं? घटना 30 मई की रात की है। CCTV फुटेज में रात 11 बजे तक सब सामान्य था, लेकिन 31 मई की सुबह जब सफाई के लिए लोग घर पहुंचे, तो नज़ारा चौंकाने वाला था — दरवाज़ा टूटा हुआ, सामान बिखरा पड़ा और कई महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण गायब थे। चोर पीछे के दरवाजे से घुसे और करीब 70,000 रुपये का सामान लेकर फरार हो गए। घर की निगरानी मकान मालिक की बहन दीपमाला कुशवाहा के मोबाइल से होती है, फिर भी वारदात हो गई।स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस मोहल्ले को अब तक शांत और सुरक्षित माना जाता था, वहां इस तरह की बड़ी वारदात बताती है कि पुलिस की गश्त नाममात्र की है। घटना के बाद FIR दर्ज हुई है, पर अब तक न तो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और न ही कोई ठोस कार्रवाई दिख रही है।बिलासपुर में पिछले कुछ हफ्तों से चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में चोरों ने सूने मकानों को टारगेट बनाकर लाखों की चोरी की है। खास बात ये है कि पुलिस को पहले से पता है कि ये गिरोह पड़ोसी राज्य से आते हैं, नकाबपोश रहते हैं और हथियार लेकर चलते हैं, फिर भी कोई ठोस गिरफ्तारी नहीं हुई।लोगों का कहना है कि जब सबूत, तरीका और संदिग्धों की जानकारी पुलिस के पास है, तो कार्रवाई में देर क्यों हो रही है? कहीं न कहीं पुलिस की तैयारी और इच्छाशक्ति दोनों पर सवाल खड़े होते हैं। यदि इस तरह की लापरवाही जारी रही, तो शहर की आम जनता का भरोसा कानून-व्यवस्था से पूरी तरह उठ जाएगा। अब जनता पुलिस से जवाब चाहती है। सिर्फ FIR या खानापूर्ति से जनता का गुस्सा शांत नहीं होगा। लोगों ने मांग की है कि संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाई जाए, संदिग्धों की धरपकड़ हो और CCTV फुटेज को गंभीरता से लेकर तेजी से कार्रवाई की जाए, वरना ये चोर गिरोह पूरे शहर को डर के साए में डाल देगा।