रेलवे स्टेशन बिलासपुर के स्टेशन डेवलपमेंट में दो साल पहले 5 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए कटनी गेट को भी डिस्मेंटल किया जाना है। इसके साथ ही आरक्षण कार्यालय को हटाने का भी काम होगा, जिसके लिए तैयारी शुरु कर दी गई है रेलवे बोर्ड ने पहले स्टेशन डेवलपमेंट कार्य के लिए एसईसीआर के रायपुर स्टेशन को 500 करोड़ रुपए और बिलासपुर रेलवे स्टेशन को 465 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। बोर्ड से आदेश मिलने के बाद बिलासपुर रेलवे स्टेशन में जोन और डिवीजन के अफसरों ने निरीक्षण करना शुरु कर दिया। इसके अलावा स्टेशन के लिए ड्राइंग डिजाइन भी तैयार की गई, जिसमें स्टेशन का स्वरूप एकदम अलग नजर आएगा। इस डिजाइन को बोर्ड से एप्रूवल भी मिल गया, लेकिन बोर्ड से मिली 465 करोड रुपए की राशि अचानक कम हो गई। बिलासपुर रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट का काम 465 करोड़ रुपए में किया जाना था, वह कम होकर 392 करोड़ में आ गया। स्टेशन को बनाने का लिए अब तक केवल टेंडर प्रक्रिया ही पूरी हुई है, लेकिन काम की शुरुआत अब तक रेल प्रशासन ने नहीं की है।

इस कार्य में पहले ब्रिटिश काल में बनी पुरानी बिल्डिंग को तोड़ने का निर्णय लिया गया था, जिसे शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद वापस ले लिया गया है।रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार 1890 में बनी ब्रिटिश काल की बिल्डिंग के साथ कटनी गेट को तोड़ने का निर्णय लिया गया था। इसको तोड़ने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि दुर्ग, सयपुर के अलावा हावड़ा-मुम्बई ओर से आने जाने वाली एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के लिए लाइन की काफी कमी है। स्टेशन विकास कार्य में दुर्ग रायपुर से बिलासपुर होकर रायगढ़ की ओर जाने वाली गाड़ियों के लिएप्लेटफार्म नम्बर 7-8 की लाइन का उपयोग किया जाना जरूरी है। वर्तमान में दोनों लाइने बिलासपुर स्टेशन पर ही समाप्त हो जाती है। यहां से ट्रेनों को वापस कोविंग डिपी या फिर कटनी की ओर रवाना किया जाता है। संबंधित विभाग की ओर से निरीक्षण करने के बाद पुरानी बिल्डिंग को यथावत रखते हुए कटनी गेट को तोड़कर लाइन का विस्तार किया जाएगा।