
शहर में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों की वजह से शहर को कई सौगातें नहीं मिल पा रही है जिसका विरोध अब भारतीय जनता पार्टी कर रही है बिलासपुर विधानसभा में पूर्व विधायक और मंत्री अमर अग्रवाल इस मुहिम को लेकर लगातार आगे बढ़ रहे हैं शुक्रवार को सरकंडा जिला खेल परिसर में अधूरे बने निर्माण कार्य को लेकर धरना प्रदर्शन किया भाजपा शासनकाल में दावा किया जा रहा है कि लगातार विकास कार्यों के माध्यम से शहर को कई सौगातें प्रदान की गई तो वहीं भाजपा शासनकाल में ऐसे कई परियोजनाएं थी जिन्हें पूर्व करना था लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी उन परियोजनाओं को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है जिसका विरोध भारतीय जनता पार्टी कर रही है बिलासपुर विधानसभा के अंतर्गत ऐसे कई विकास कार्य हैं जो अधूरे पड़े हैं जिसका विरोध पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के द्वारा किया जा रहा है पिछले दिनों साइंस कॉलेज मैदान की बदहाली को लेकर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने यह धरना प्रदर्शन किया था तो वहीं शुक्रवार को उन्होंने जिला खेल परिसर में अधूरे पड़े निर्माण कार्य को लेकर धरना प्रदर्शन किया इस दौरान पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शहरों के विकास को लेकर बेहद ही उदासीन रवैया अपना रही है केवल औपचारिकता वर्ष यहां कुछ राशि दिल्ली जाती है जिसकी वजह से सभी अधूरे पड़े निर्माण कार्य खस्ताहाल हो रहे हैं और शहरवासियों को इसकी सौगात नहीं मिल पा रही है शहर को विकास की दिशा में जोड़ने के लिए पासवर्ड शासनकाल में कई परियोजनाओं को शुरू करने की कोशिश की गई थी लेकिन अब लगता है कि कांग्रेस शासनकाल में बिलासपुर फिर पीछे जा रहा है उन्होंने सीधा सीधा आरोप लगाया कि शहर विधायक शैलेश पांडे की उपेक्षा के कारण ही आज बिलासपुर पीछे चले गया है
हालांकि चुनाव का समय है और आरोप-प्रत्यारोप तो लगने ही है लेकिन पूर्व मंत्री कि इन बातों को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि शहर में निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं केवल उन प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है जो स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आते हैं लेकिन शहर के विकास के लिए जरूरी है कि जरूरत वाली परियोजनाओं को भी पूरा किया जाए ताकि शहर को महानगर का रूप दिया जा सके अब अगर इन बातों को लेकर पूर्व मंत्री धरना दे रहे हैं तो या कहीं ना कहीं सही भी लग रहा है क्योंकि जनता भी चाहती है कि उनके क्षेत्र में विकास हो और वह इसका लाभ ले सके
