
प्रत्येक वर्ष वैसाख मास के कृष्ण पक्षी की द्वादशी तिथि को ही संत शिरोमणि सेन महाराज जी की जयंती मनाई जाती है।सेन महाराज को लेकर एक कथा प्रचलित है, मान्यता है की वे एक राजा के पास काम करते थ। उनका काम राजा की मालिश करना, बाल और नाखून काटना था। उन दिनों भक्त मंडलियों का जोर था। ये मंडलियां जगह-जगह जाकर पूरी रात भजन कीर्तन के आयोजन किया करती थी। एक दिन संत मंडली सैन जी के घर आई सैन जी ईश्वर भक्ति में इस तरह लीन हो गए कि सुबह राजा के पास जाना ही भूल गए। कहा जाता है कि स्वयं ईश्वर सैन जी का रूप धारण करके राजा के पास पहुंच गए। इसी कड़ी में 25 अप्रैल शुक्रवार को बिलासपुर में भी संत शिरोमणि सेन महाराज की जयंती हर्षौल्लास के साथ मनाई गई इसअवसर पर बिलासपुर के गांधी चौक से भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए नेहरू चौक पहुंचकर समाप्त हुई इस दौरान शोभायात्रा जिन जिन मार्गो से गुजरी वहां संत शिरोमणि महाराज के संदेशों को जन-जन तक पहुंचने का संदेश देती गई शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत भी किया गया