
सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान मस्तूरी ब्लॉक के बिनैका गांव निवासी कन्हैया सोनी के रूप में हुई है, जिसे करीब दो महीने पहले मारपीट के एक मामूली मामले में गिरफ्तार किया गया था। जेल प्रशासन ने मौत की वजह अचानक तबीयत बिगड़ना बताई है, लेकिन परिजन इसे मानने को तैयार नहीं हैं। शव पोस्टमार्टम कराने सिम्स पहुंचे परिजनों का कहना है कि कन्हैया पूरी तरह स्वस्थ था और जेल में उसके साथ कुछ गलत हुआ है। उन्हें समय पर जानकारी नहीं दी गई और न ही इलाज की प्रक्रिया स्पष्ट की गई। अचानक तबीयत बिगड़ने की बात उन्हें संदेहास्पद लग रही है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।

मृतक के चाचा अशोक कुमार सोनी और पड़ोसी ओमप्रकाश टंडन ने मीडिया से बात करते हुए जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि यह मौत प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हो सकती है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।परिजनों ने मांग की है कि जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी जाए, ताकि यह पता चल सके कि आखिर बंदी के साथ क्या हुआ। वे इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और जवाबदेही तय किए जाने की मांग कर रहे हैं।

घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश है। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम निष्पक्ष मेडिकल बोर्ड से कराने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें पूरे मामले की पारदर्शी जानकारी नहीं दी जाती, वे शांत नहीं बैठेंगे।फिलहाल प्रशासन की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, जेल प्रशासन ने कहा है कि कन्हैया की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।