पूरे एक महीने की इबादत करने के बाद मुस्लिम समुदाय के बीच ईद की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है। घरों घर सजने के साथ साथ मस्जिदों से लेकर गली मोहल्ले तक सजकर तैयार है। अब चाँद की तस्दीक के साथ सुन्नी समाज के लोग ईद मनाने तैयार है तो वहीं 9 अप्रेल को बोहरा समुदाय के द्वारा ईद मनाई जायेगी।



ईद-उल-फितर इस्लामिक धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इसे ईद-अल-फ़ितर या मीठी ईद के रूप में भी जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 10वें शव्वाल की पहली तारीख को हर साल ईद उल फितर मनाया जाता है। ईद-उल-फितर की तारीख चांद को देखकर ही तय की जाती है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस साल ईद 10 या फिर 11 अप्रैल को धूमधाम से मनाया जाएगा। सऊदी अरब में जिस दिन ईद मनाई जाती है। उसके अगले दिन भारत में ईद मनाई जाएगी। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ईद के पर्व को बहुत ही खास माना गया है। सभी को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है।ईद उल फितर का पर्व को रोजा के पूरा होने का भी प्रतीक माना जाता है। पाक महीने रमजान में मुसलमान पूरे 29 से 30 दिनों का रोजा रखते हैं। ईद का चांद नजर आते ही रोजेदारों का रोजा भी पूरा हो जाता है। ईद-उल-फितर के खुशी के मौके पर लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं। एक-दूसरे के घर दावत पर जाते हैं। दान दिए जाते हैं, अल्लाह की इबादत की जाती है और बच्चों को ईदी भी दी जाती है।

इस्लामिक कैलेंडर के 10वें शव्वाल की पहली तारीख और रमजान के अंतिम दिन का चांद दिखने के बाद ईद-उल-फितर का पर्व मनाया जाता है। ईद की सही तारीख अभी तय नहीं हुई है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि 29वां रोजा पूरा होने पर चांद का दीदार होता है, तो 10 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी। वहीं अगर 30वां रोजा पूरा होने पर चांद का दीदार होता है, तो 11 अप्रैल को ईद मनाई जा सकती है। ईद की डेट चांद के दिखने पर ही निर्भर करती है। इसलिए ईद-उल-फितर भी सभी देशों में अलग-अलग दिनों में पड़ेगी। हुसैनी मस्जिद के इमाम सैय्यद जाहिर इमाम आगा साहब ने बताया कि ईदगाह में इदुलफित्र की नमाज़ सुबह आठ बजे अदा की जाएगी। इसी तरह शहर के अलग अलग मस्जिदों में सुबह 8 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह साढ़े आठ और दस बजे तक ईद की नमाज अदा की जाएगी।

पर्व की तैयारी के लिए गोलबाजार, सदरबाजार सहित शहर के सभी प्रमुख बाजारों में ईद को लेकर जमकर रौनक है।रंग-बिरंगी सेवईयों से बाजार सजा हुआ। इसके साथ ही सेवई को आकर्षक ढंग से सजाने के लिए भी केसरी, हरी, गुलाबी, आरेंज रंग की सेवई की भी पूछपरख बनी हुई है। सेवईयों के साथ ही बादाम, काजू, किसमिस, नारियल गोला, छुहारा, चिरौंजी जैसे ड्राय फ्रूट भी खरीदे जा रहे हैं। रंग-बिरंगी टोपियों और नए परिधानों की भी लोग जमकर खरीदारी में जुटे हैं। यही कारण है कि बाजार में देर रात तक चहल पहल बनी हुई है। बोहरा समुदाय के द्वारा 9 अप्रेल को खुशियों की ईद मनाई जाएगी। इसी के साथ बोहरा जमात मस्जिद में सुबह 6 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी। बोहरा समाज भी ईद की तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार धूमधाम से ईद मनाई जाएगी।



ईद-उल-फ़ित्र का दिन चाँद के दर्शन के बाद तय होता है।मुसलमान रमज़ान के 29वें दिन शाम को चाँद देखने की कोशिश करते हैं।अगर चाँद दिखाई देता है, तो अगले दिन ईद मनाई जाती है,,अगर नहीं दिखता, तो अगले दिन यानी रमज़ान के 30वें दिन रोज़ा रखा जाता है।30वें दिन के बाद अगले ही दिन ईद मनाई जाती है।ईद-उल-फ़ित्र का पहला दिन इस्लामी कैलेंडर के 10वें महीने, शव्वाल महीने की शुरुआत को चिह्नित करने वाले अर्धचंद्र के दर्शन से निर्धारित होता है। चाँद महीने 29 से 30 दिनों के बीच रहते हैं।इसलिए, मुसलमानों को आमतौर पर इसकी तारीख़ सत्यापित करने के लिए ईद से एक रात पहले तक इंतज़ार करना पड़ता है। हालांकि अरब देशों में ईद मनाने के एक दिन बाद ही भारत में ईद मनाई जाती है।


