
बिलासपुर / विघ्न विनाशक विघ्नहर्ता रिद्धि सिद्धि के दाता बप्पा गणपति को 11दिनों तक उनकी सेवा पूजा अर्चना करने के बाद आज उन्हे विदाई दी जा रही है….भले ही मिट्टी की मूर्ति है लेकिन आस्था इतनी गहरी हो जाती है कि 11दिनों की पूजा अर्चना से गणपति का भक्त से गहरा नाता हो जाता है… यही वजह है कि जब भक्त से बप्पा विदा लेते है तो भक्त की आंखे नम हो जाती है… सृष्टि का ये शास्वत नियम है कि इस नश्वर संसार में जो आया है वह जायेगा… निर्जीव सजीव सभी के साथ जन्म और मृत्यु का बंधन है…. 11दिनों तक भक्त की पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर बप्पा भी अपने भक्त को आशीर्वाद देकर वापिस लौटते हैं… गणपति बप्पा मोरिया …. अगले बरस तू जल्दी आ…. अब पूरे एक बरस तक गणपति का इंतजार करना होगा… हालाकि मिट्टी की मूर्ति का ही विसर्जन हो रहा है लेकिन स्थूल रूप में बप्पा हम सबके मन में विराजमान है…

*अब जान लीजिए ये खास कि बप्पा को विदाई किस रूप में देना है*
यूं तो आज हर कोई अपने अपने तरीके से बप्पा का विसर्जन करते है और विदाई देते है… लेकिन अगर आप इन बातो का ख्याल करते हुए बप्पा का विसर्जन करेंगे तो आपके सारे विघ्न दूर होंगे और विघ्न विनाशक आपकी मनोकामना को पूरा करेंगे… तो इन बातो का रखिए खयाल..
1. बप्पा को विदाई देते समय यानी विसर्जन करते समय काले कपड़े कतई न पहने… लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनकर बप्पा को विदा करें..
2. घर से जब बप्पा को लेकर निकले तो पहले पूरे घर के उन्हे चक्कर जरूर लगवा दे…
3. घर से बप्पा को लेकर जब निकले तो बप्पा मुख आपकी तरफ होना चाहिए और पीठ बाहर की तरफ हो…
4. बप्पा के हाथो में मौली धागा रक्षा सूत्र के रूप में लपेटे और उनसे अपनी मनोकामना कहे… ध्यान रहे धागे में गांठ नही लगाना है… बल्कि उसे लपेटकर छोड़ देना है..
5. और ये सबसे खास बात…बप्पा को विदाई में एक बटुए नुमा थैली में दो केले, एक मोदक, एक पूजा की सुपाड़ी और दुर्वा ये रखकर उन्हें बिदाई दे.

*आखिर ये क्यों जरूरी है*
सभी जानते है की बुद्धि के दाता गणपति माता पार्वती के दुलारे हैं 11 दिनों तक हमारी पूजा सेवा भक्ति को लेकर बप्पा जब मां पार्वती से मिलते है तो माता पूछती है कि किसने तुम्हारी कितनी सेवा भक्ति की और विदाई में क्या साथ लेकर आए हो…

तो बस अपने गणपति को विदाई दीजिए और बस यही कहते रहिए गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ……
विनोद कुशवाहा
एडिटर
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