बेलगहना संकुल केंद्र के प्राथमिक शाला में स्कूल की शिक्षिका के द्वारा बच्चों को बुरी तरह पीटने का मामला शांत भी नही हुआ था कि इसी तरह का एक और मामला रेलवे स्कूल से सामने आया है। जहां एक सनकी शिक्षक बच्चे के द्वारा नोट्स नहीं बनाने पर उसे अधमरा होने तक छड़ी से पीटता रहा। मामला रेलवे के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आते ही शिक्षक को संस्पेंड कर उसके खिलाफ जांच बैठाई गयी है। इसी मामले को लेकर दूसरे दिन एबीवीपी भी रेलवे स्कूल पहुंची।


रेलवे इंग्लिश मीडियम नम्बर 2 बुधवारी बाजार स्कूल मे पढ़ने वाले 14 वार्षिय छात्र को संस्कृत के शिक्षक नें छड़ी टूटने तक बेरहमी से पीटा। बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी की वह कॉपी मे नोट्स नहीं लिख पाया था। जिसके कारण संस्कृत के शिक्षक राकेश कुमार को गुस्सा आ गया और टीचर नें अपने हाथ मे रखे मोटी छड़ी से उसके पीठ पर इतने गहरे चोट दिये कि छात्र अहमद रजा बदहवास होकर जमीन पर गिर गया। उसे जब होश आया तब वहा मौजूद किसी व्यक्ति के फोन से उसने अपने पिता इमरोज अहमद को कॉल किया, परिजन जब रेलवे इंग्लिश मीडियम नम्बर 2 स्कूल पहुंचे डरे सहमें छात्र ने पुरी घटना की जानकारी उन्हें दिया।

मामले मे स्कूल के प्रचार्य नें शिक्षक राकेश कुमार के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है। साथ ही बताया कि शिक्षक को सस्पेंड भी कर दिया गया है। भले ही अपने मानवता के नाते और रेलवे स्कूल का किसी तरह का कोई माहौल खराब हो और स्कूल के किसी भी विद्यार्थियों पर बुरा प्रभाव पड़े इसलिए पीड़ित बच्चे के परिजनों नें थाने मे किसी तरह की कोई शिकायत नही की लेकिन एक शिक्षक जिसे गुरु का दर्जा दिया गया है, जिन्हें माता पिता से ऊँचा स्थान दिया गया है, वह ऐसा हैवान कैसे हो सकता है।

इसकी खबर जैसे ही रेल प्रशासन के साथ शहर में आग की तरह फैली सनसनी फैल गयी। दूसरे दिन एबीवीपी छात्र संघ भी क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग लेकर रेलवे स्कूल पहुंचा, हालांकि उन्हें पता चला कि शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि मोटी छड़ी के टूटते तक शिक्षक राकेश कुमार नें मासूम की पीठ पर गहरे चोट दिये। परिजनों नें शिक्षक को स्कूल से निकालने की मांग की थी।जिसके बाद रेल प्रशासन ने शिक्षक के खिलाफ एक्शन लेते हुए उसे तत्काल सस्पेंड कर उसके खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं।

शिक्षा का मंदिर माने जाने वाले स्कूल में एक शिक्षक द्वारा की गई क्रूरता ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ऐसे लोग शिक्षक कहलाने के लायक हैं क्योंकि बताया जा रहा कि उक्त शिक्षक का व्यवहार भी किसी को पसंद नहीं था। उनका दूसरे शिक्षकों के साथ भी अच्छा व्यवहार कभी नहीं रहा है।शिक्षक की ऐसी क्रूरता को लेकर रेल प्रशासन, स्कूल प्रबंधन एवं बाकी शिक्षक भी सकते में आ गए हैं।
