बिलासपुर मण्डल के ट्रेन मैनेजरों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सीनियर डीओएम कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना दे दिया। नियम विरुद्ध कार्य कराने और मूलभूत सुविधाएँ नहीं देने से नाराज ट्रेन मैंनेजर्स विरोध जताया है।

रेल प्रशासन के रवैये से आम जनता नाराज है, अब उनके कर्मचारी भी प्रताड़ित हो रहे है. इससे नाराज ट्रेन के मैनेजर अधिकारियों के खिलाफ लामबंद हो गए है। मंगलवार को बड़ी संख्या में ट्रेन मैनेजर सदस्यों ने सीनियर डीओएम कार्यालय के सामने धरना दिया। उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसके बारे में अधिकारियों को पहले भी बता चुके है. मुख्य रूप से अलग-अलग स्टेशन आने जाने के दौरान वाहन नही दिया जाता. उनका आरोप है की कई बार लोको पायलट के द्वारा उनसे अभद्रता किया जाता है। इसके अलावा रनिंग रूम में भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है।


उन्होंने बताया कि रेलवे ने ट्रेनों में बदलाव कर दिया, लेकिन गुड्स ट्रेनों में आज भी अग्रेजों के जमाने में बने लोहे की बॉडी के ब्रेक वैन लगे हैं, जिसमें ना ही लाइट है, और ना ही पीने का पानी। यहां तक कि शौचालय भी नहीं है। ऐसे में ट्रेन मैनेजर्स तनाव में ड्यूटी करते है। इसके अलावा अधिकारी उनके साथ भेदभाव भी करते हैं जिसे लेकर उनमे खासी नाराजगी है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने अपनी समस्याएँ अधिकारियों को फिर बताया है।
