मौजूदा समय में गणेश चतुर्थी और अब नवरात्र के समय शहर मैं मौजूद समितियां विसर्जन के दौरान डीजे के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन करती है, लेकिन लगातार पिछले कुछ समय से डीजे के आवाज को लेकर हो रहे विरोध के बाद अब जिला प्रशासन ने इस साल प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया है । इसके बाद अब डीजे संचालक इसके विरोध में उतर आए हैं, मंगलवार को बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे डीजे संचालकों ने अपनी मांग बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह से डीजे पर बैन लगाना उचित नहीं है, क्योंकि अगर डीजे पर बैन लगता है तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा, बैन की जगह अगर सरकार इस पर कोई नियम बना दे तो उसका पालन डीजे संचालक करेंगे, सरकार के नियम के मुताबिक डीजे को 75 डीबी के नीचे बजाना है ।लेकिन संचालकों का कहना है कि गाड़ियों के हॉर्न और आपसी बोलचाल में ही 75 डीबी से अधिक हो जाता है ,ऐसे में डीजे को इतने कम साउंड में बजाना मुश्किल है।लेकिन उसके बाद भी डीजे के संचालक एक निश्चित साउंड में डीजे बजाने राजी है और शासन उसे तय कर दे बिलासपुर शहर में लगभग 400 डीजे संचालक है जिनके सामने इस प्रतिबंध के बाद आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो रही है लिहाजा बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचकर इन्होंने जिला प्रशासन से बैन हटाने गुहार लगाई है

