रेलवे ने एक बार फिर अपनी अड़ियल सोच का परिचय देते हुए स्टेशन से बुधवारी बाजार जाने वाले मुख्य मार्ग को लोहे के खूंटे गाड़कर पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है। जहां कल तक ऑटो और कारें आराम से स्टेशन स्टैंड की लाइन से होते हुए बुधवारी बाजार और इंस्टीट्यूट की ओर निकल जाती थीं, अब वहां रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है। इससे राहगीरों, स्थानीय निवासियों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले यह मार्ग रेलवे स्टेशन की गार्ड लॉबी से रेलवे स्कूल नंबर-2 की ओर जाने वाले होटल लाइन के पास तक बंद किया गया था। रेलवे ने वहां छोटे-छोटे लोहे के खूंटे गाड़कर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई थी। लेकिन अब रेलवे ने इस रुकावट को और पीछे खिसकाकर नए स्थान पर लोहे के खूंटे गाड़ दिए हैं, जिससे अब ई रिक्शा और दोपहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। राहगीरों को बेहद संकरी जगह से निकलना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि रेलवे को वाकई में सुगम और व्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था बनानी है, तो सबसे पहले सड़क के बीचों-बीच और किनारे अवैध रूप से खड़े ठेले-खोमचों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इन अतिक्रमणों के कारण राहगीरों को हर दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन पर न तो रेलवे प्रशासन और न ही नगर निगम कोई सख्त कदम उठा रहा है। सबसे गंभीर बात यह है कि रेलवे स्कूल नंबर-2 के सामने पान ठेले और फास्ट फूड के ठेले खुलेआम संचालित हो रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन की सख्त गाइडलाइन है कि किसी भी स्कूल के 100 मीटर के दायरे में ऐसे व्यवसाय प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद न तो रेल प्रशासन कार्रवाई कर रहा है और न ही संबंधित विभागों की कोई रुचि दिखाई दे रही है। इससे साफ है कि आम लोगों की सुविधाओं से ज्यादा प्रशासन को औपचारिकताएं निभाने में दिलचस्पी है।