
बिलासपुर के चांटीडीह निवासी कुसुम बाई खुटे पिछले 14 वर्षों से अपनी लापता बेटी की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। न्याय की उम्मीद में उन्होंने कई बार पुलिस प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगाई, लेकिन अब तक उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। कुसुम बाई ने बताया कि वर्ष 2010 में उनकी बेटी संतोषी खुटे को राकेश तिवारी नामक व्यक्ति लगातार परेशान कर रहा था और उसके साथ छेड़छाड़ की घटनाएं भी हो रही थीं। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो राकेश तिवारी ने उनकी बेटी को धमकाना शुरू कर दिया। विरोध करने पर राकेश तिवारी ने न सिर्फ संतोषी को धमकाया, बल्कि परिवार के साथ भी मारपीट की। कुसुम बाई का आरोप है कि एक दिन राकेश तिवारी ने चाकू की नोक पर उनकी बेटी को अगवा कर लिया। इस गंभीर घटना की शिकायत सरकंडा थाना में की गई, लेकिन आज तक उनकी बेटी का कोई सुराग नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि बीते 14 वर्षों में उन्होंने हर संभव दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन कोई भी अधिकारी या संस्था उनकी मदद को आगे नहीं आई। कुसुम बाई का कहना है कि जब भी वह थाने जाती हैं, तो उन्हें पागल कहकर भगा दिया जाता है। इतने वर्षों से न्याय की तलाश में चप्पल घिस गई है, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली। वह अब भी उम्मीद लगाए बैठी हैं कि किसी दिन उनकी बेटी का पता चलेगा और उन्हें न्याय मिलेगा। आज, एक बार फिर, कुसुम बाई कलेक्ट्रेट पहुंचीं और प्रशासन से बेटी के बारे में जानकारी देने और मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने मीडिया और जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि उनकी पीड़ा को समझें और उनकी बेटी को खोजने में मदद करें।बाईट- कुसुम बाई खुटे|