
घटना रात करीब चार बजे की है, जब बाजार बंद हो चुका था और सन्नाटा पसरा था। तभी चौकीदार ने एक दुकानदार को फोन कर बताया कि आग लग गई है। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। बाजार की कुल सात दुकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें से सबसे बड़ा नुकसान फर्नीचर दुकान को हुआ है।दुकानदारों का कहना है कि वो रात 8 बजे दुकान बंद कर घर चले गए थे। तड़के फोन आया तो भागते हुए मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक सब कुछ जल चुका था। मशीन, कपड़े, फर्नीचर, छोटा हाथी गाड़ी—कुछ भी नहीं बचा। एक दुकानदार का दावा है कि उसका लगभग 25 से 30 लाख रुपये का माल खाक हो गया है।
आग से लांड्री में रखे ग्राहकों के कपड़े, चाय दुकान का सामान और फल-सब्ज़ी की दुकानें भी पूरी तरह जल गईं। आग की वजह का अंदाज़ा शॉर्ट सर्किट लगाया जा रहा है, लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
फायर ब्रिगेड समय पर पहुंची, लेकिन तब तक आग अपना काम कर चुकी थी। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन नुकसान काफी बड़ा है। पुलिस और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, वहीं पीड़ित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर फायर सेफ्टी इंतज़ामों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।