
टिकरापारा इलाके में सोमवार-मंगलवार की रात हुई पथराव और आगज़नी की वारदात ने इलाके में सक्रिय गैंगवार की परतें खोल दी हैं। प्रियांशु बक्सेल, गुलशन अटलेश्वर और ऋषभ मिरी जब पचरीघाट उर्स से लौट रहे थे, तभी 35-40 युवकों ने मन्नू चौक के पास उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जान बचाकर भागे युवकों की दो बाइक और एक स्कूटी को हमलावरों ने आग के हवाले कर दिया।यह हमला कोई सामान्य झगड़ा नहीं, बल्कि दो गुटों के बीच पिछले चार महीने से जारी संघर्ष का हिस्सा है, जो अब खून-खराबे की ओर बढ़ता दिख रहा है। बावजूद इसके पुलिस सिर्फ 3-4 अज्ञात युवकों पर मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर रही है। वहीं इस मामले में एक चर्चित राजनीति पार्टी से जुड़े नेता का नाम भी सामने आ रहा है, जिसने पहले एक थानेदार का ट्रांसफर भी करा दिया था, जिसपर पुलिसकर्मी भी कार्रवाई से कतरा रहे हैं।घटना के चश्मदीद और पीड़ित मोहम्मद रेहान खान का कहना है कि यह हमला जान से मारने की नीयत से किया गया था। तारबाहर और सिटी कोतवाली थाने में पहले भी इन झगड़ों की शिकायतें दर्ज हैं, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया। अब सवाल ये है कि क्या पुलिस किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है, या फिर रसूख के आगे कानून ने घुटने टेक दिए हैं।हालांकि मामले में सिटी कोतवाली टीआई विवेक पांडे ने सन्देह के आधार पर अंकुश यादव सहित अन्य को गिरफ्तार कर थाने लेकर पहुंची है जिनसे पूछताछ की जा रही है।