
बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों को कथित रूप से नमाज़ पढ़ाए जाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मुद्दे पर एक प्रेस वार्ता कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि मामले की जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। उनका दावा है कि शिविर में शामिल छात्रों पर प्रबंधन की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि वे मनमाफिक बयान दें। इतना ही नहीं, एबीवीपी का कहना है कि जिन छात्रों ने कैंप में हिस्सा लिया था, उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा धमकाया जा रहा है, जिससे वे सच बोलने से डरें और जांच प्रभावित हो।

एबीवीपी ने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि एक स्वतंत्र समिति द्वारा मामले की जांच करवाई जाए, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों पर उचित कार्रवाई हो सके। यह मामला अब केवल धार्मिक गतिविधि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और छात्रों के अधिकारों से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बन गया है। स्थिति लगातार संवेदनशील होती जा रही है और सभी की निगाहें अब विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च अधिकारियों की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।