
यह घटना सोमवार सुबह करीब 9:11 बजे की बताई जा रही है। रोज की तरह जब केज की सफाई के लिए जूकीपर पहुंचा, तो आकाश अचेत अवस्था में पड़ा था। पहले लगा कि वह सो रहा है, लेकिन पानी डालने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित किया गया।जू के पशु चिकित्सक डॉ. पीके चंदन ने मौके पर पहुंचकर जांच की और बाघ को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि सुबह 7 बजे तक आकाश सामान्य था, लेकिन 8:51 पर उसकी हालत बिगड़ी और ठीक 9:11 पर वह गिर पड़ा।आकाश के निधन के बाद उसी दिन जू में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान जू के अधिकारी भी मौजूद रहे। अब कानन जू में केवल दो सफेद बाघ बचे हैं – बाघिन सिद्धी और उसकी बेटी ईशा।

आकाश, सिद्धी का ही बेटा था।इस घटना ने जू प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस वक्त बाघ की तबीयत बिगड़ी, उस समय कोई निगरानी नहीं थी।विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर उपचार मिल जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

यह हादसा वन्य प्राणी संरक्षण और सुरक्षा की व्यवस्थाओं पर एक बार फिर चिंता पैदा कर रहा है।दिलचस्प बात यह है कि जहां एक ओर अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या को लेकर वन विभाग जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी ओर कानन जैसे संरक्षित क्षेत्र में दुर्लभ सफेद बाघ की मौत ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।अब सवाल यही है कि क्या जू प्रबंधन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा।