
सरकंडा स्थित सैय्यद स्पीन बादशाह बाबा की दरगाह में 89वां सालाना उर्स पाक पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। दो दिवसीय इस आयोजन की शुरुआत शुक्रवार से हुई, जिसमें पहले दिन से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। दरगाह परिसर में माहौल पूरी तरह से आस्था और भाईचारे से भरा नजर आया।उर्स के पहले दिन विभिन्न धार्मिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हुआ और दूसरे दिन सुबह कुल शरीफ की फातिहा अदा की गई। इस दौरान बाच्चा साहब के दरबार में देश और समाज के अमन, शांति और खुशहाली के लिए विशेष दुआएं मांगी गईं। श्रद्धालुओं ने फूल और चादर चढ़ाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।रात को इशा की नमाज के बाद विशाल लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।

दरगाह की एक खास बात यह रही कि यहां सिर्फ मुस्लिम समुदाय ही नहीं बल्कि हर धर्म, जाति और वर्ग के लोग बड़ी आस्था के साथ शामिल हुए।दरगाह से यह पैगाम दिया गया कि स्पीन बादशाह बाबा की परंपरा जोड़ने की रही है, न कि तोड़ने की। यहां हर धर्म के लोग अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और बाबा के आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं। उर्स के दौरान पूरा परिसर सर्वधर्म सद्भाव का अद्भुत उदाहरण बन गया।कार्यक्रम के दौरान कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा की गई। दरगाह से केंद्र सरकार से मांग की गई कि शहीद हुए मासूमों के परिवारों को न्याय मिले। साथ ही यह भी संदेश दिया गया कि इस्लाम हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ रहा है और रहेगा।

बिलासपुर समेत आसपास के जिलों से आए हजारों जायरीनों ने इस मौके पर अपने देशवासियों के लिए अमन-चैन की दुआ की। दरगाह में फैली रूहानी फिजा और लोगों की आस्था ने यह साबित कर दिया कि सच्ची श्रद्धा सीमाओं और धर्मों से परे होती है।