
बिलासपुर रेंज में एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों की विवेचना को सटीक, त्रुटिहीन और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 16 मई को रक्षित केन्द्र बिलासपुर के चेतना भवन में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने किया और बताया कि नशा आज की सबसे बड़ी चुनौती है, जिसका प्रभावी समाधान पुलिस की सजगता और विधिसम्मत विवेचना से ही संभव है।

कार्यशाला में अभियोजन व न्यायिक क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित नगर पुलिस अधीक्षक और अनुभवी विवेचकों ने एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के अनुपालन की बारीकियों को विस्तार से समझाया।राजपत्रित अधिकारियों की सील-मोहर, महिला तलाशी, मालखाना प्रबंधन, पंचनामा, साक्ष्य संकलन से लेकर दोषसिद्धि सुनिश्चित करने वाले कानूनी व तकनीकी बिंदुओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अलावा, एनडीपीएस से अर्जित अवैध संपत्ति की जब्ती और वित्तीय जांच की प्रक्रियाएं भी बताई गईं।

प्रशिक्षण में बिलासपुर रेंज के 89 अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक से लेकर सहायक उप निरीक्षक स्तर तक शामिल हुए। वक्ताओं में अभियोजन के संयुक्त संचालक माखनलाल पाण्डेय, विशेष लोक अभियोजक सूर्यकांत शर्मा, अधिवक्ता विभाकर सिंह एवं शैलेन्द्र दुबे सहित पुलिस अधिकारी निमितेश सिंह, चंद्रकांत साहू और अवधेश सिंह शामिल रहे। समापन अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह और राजेन्द्र जायसवाल ने आभार प्रकट किया।