
नगर निगम के द्वारा जवाली नाला के किनारे अवैध निर्माण कर बनाए गए दुकानों और मकान को तोड़ने की कार्रवाई के लिए नाप जोक का काम पूरा किया जा रहा है पिछले दिनों नगर निगम के द्वारा अधूरे रह गए नाम जो के काम को बुधवार को पूरा किया गया इस दौरान कई विसंगतियां भी इसमें देखने को मिली। पिछले कुछ दिनों से नगर निगम के द्वारा ज्वाली नाले के बगल में बने अवैध निर्माण को तोड़ने की कवायत को लेकर नापजोख का काम किया जा रहा है इसमें कई ऐसे दुकान और मखाने आ रहे हैं जिनमें अवैध निर्माण पाया गया है और नगर निगम के द्वारा इसके लिए बाकायदा मार्किंग की जा रही है बुधवार को भी नगर निगम का भवन शाखा नापजोक करने पहुंचा जहां सभी निर्माण कर्ताओं के बीच नगर निगम ने नक्शे की दृष्टिकोण से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया इस दौरान बताया जा रहा है कि जवाली नाले के बगल में बनी कई मकान इसकी जद में आ रहे हैं जिसे तोड़े जाने पर काफी नुकसान मकान और दुकान निर्माता को होगा ऐसे में सभी अब नगर निगम से इस दिशा में बीच का रास्ता निकालने की बात कर रहे हैं लेकिन नगर निगम के द्वारा फिलहाल तो शुरुआती प्रक्रिया पूरी की जा रही है इसके बाद आगे किस तरह से कार्य करना है इस पर विचार किया जाएगा लेकिन बताया यह भी जा रहा है की इस योजना को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई गई है जिस पर अब सभी पहलुओं पर विचार कर उसे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

100 साल से भी अधिक पुराने इस जवाली नाले के ऊपर नगर निगम के द्वारा कुछ वर्षों पहले सड़क निर्माण करा कर यहां लोगों को वैकल्पिक मार्ग की सुविधा प्रदान की गई। लेकिन समय के साथ नाले के किनारे अवैध निर्माण की बाढ़ आई गई और अब नगर निगम को इसकी सुविधा आई है और इन्हें हटाने को लेकर नगर निगम प्रक्रिया अपना रहा है लेकिन जरूरी या है कि जब इन दुकानों और मकान का निर्माण हो रहा था तब नगर निगम के अधिकारी कहां थे और अब जब मकान बन चुके हैं और लोग वहां रहने लगे हैं तब नगर निगम को अवैध निर्माण की सुध आ रही है यह साफ दिखता है कि इसपूरे मामले में नगर निगम के अधिकारी और निर्माण कर्ताओं के बीच पूरी संघलिप्ता है। जिस पर जांच होनी चाहिए। और निर्माण कर्ताओं के साथ अधिकारियों पर भी गाज गिरनी चाहिए ताकि आगे से नियम के साथ सभी कार्य हो सके।