
बिलासपुर, कुपोषण से लड़ाई के लिए बिलासपुर जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल करते हुए ‘पोंठ लईका’ नामक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से समाज को कुपोषण से मुक्त बनाना है। प्रथम चरण में जिले के 250 आंगनबाड़ी केंद्रों के लगभग 4 हजार मध्यम एवं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उन्हें सुपोषित बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में इस अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कुपोषण की समस्या को लोगों के व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से प्रभावी ढंग से सुलझाया जा सकता है। इसके लिए किसी भारी भरकम बजट की आवश्यकता नहीं है, बल्कि स्थानीय संसाधनों एवं सरकारी योजनाओं के समन्वय से यह कार्य किया जा सकता है। अभियान के संचालन में एम्स रायपुर, यूनिसेफ और स्को4एन का तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है।आने वाले छह महीनों के भीतर लक्षित बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मचारियों और समुदाय के सहयोग से बच्चों की नियमित निगरानी और पोषण सुधार की गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।

कलेक्टर ने बताया कि अभियान का मूल उद्देश्य समुदाय को प्रेरित कर उन्हें कुपोषण के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि यदि समाज स्वयं आगे आए, तो इस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान सहजता से किया जा सकता है। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी, यूनिसेफ के पोषण समन्वयक डॉ. महेन्द्र प्रजापति, एम्स रायपुर के समन्वयक वरुण एलेक्जेंडर सहित महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।