
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने युक्ति युक्त कारण का काम किया जा रहा है इसके साथ ही कम संख्या वाले विद्यार्थियों वाले स्कूलों को बंद भी किया जा रहा है और यहां मौजूद शिक्षकों को उनकी नई शाला प्रधान की जा रही है लेकिन इस युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी देखी गई। छत्तीसगढ़ शासन ने अतिशेष शिक्षकों को युक्तियुक्तकरण के माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया है इसके लिए शासन ने निर्देश जारी कर कम संख्या वाले स्कूलों को समाहित कर उन्हें मार्च करने का निर्णय लिया इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के 431 स्कूल के 900 अतिशेष शिक्षकों को युक्ति युक्त कारण के माध्यम से नई शाला प्रधान की गई है बिलासपुर के दो स्थान पंडित देवकीनंदन दीक्षित सभागार और लखीराम ऑडिटोरियम में युक्तियुक्त कारण का काम बुधवार को पूरा किया गया इस दौरान सभी शिक्षकों को उनके नए शाला की जानकारी दी गई

लेकिन इसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी देखी गई उनका कहना था कि इस युक्ति युक्त कारण में प्रशासनिक स्तर पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है बल्कि उन्हें मनचाहे तरीके से शहर से दूर नियुक्त किया जा रहा है जिससे उनकी परेशानी बढ़ेगी इसे लेकर उन्होंने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद अब वह न्यायालय की शरण में जाने का मन भी बन चुके हैं। युक्ति उपकरण के संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी प्रक्रियाओं को नियमों के तहत जारी कर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है बिलासपुर जिले के लिए दो स्थानों पर यह प्रक्रिया पूरी की गई।जिससे अब स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। निश्चित तौर पर शासन के इस युक्ति उपकरण से शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी लेकिन शिक्षकों की नाराजगी कहीं ना कहीं शासन को इस योजना पर विचार करने मजबूर भी कर रही है क्योंकि लगातार इस युक्ति युक्त कारण का विरोध भी देखा गया अब देखना होगा कि शासन के इस निर्णय के बाद स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था किस कदर बेहतर होती है और शासकीय स्कूलों के प्रति अभिभावक कितना भरोसा जताते हैं।