
सिम्स अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही से मासूम की जान जाने का गंभीर मामला सामने आया है। भाटापारा निवासी परिवार ने जचकी वार्ड की लेडी डॉक्टर पर लापरवाही और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट की फटकार के बावजूद अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो सका है। जानकारी के मुताबिक बेलतरा निवासी सुमन पति त्रिलोक सूर्यवंशी को 13 जून को डिलीवरी के लिए सिम्स लाया गया था। रात 12 बजे नवजात का जन्म हुआ। मां का दूध न उतरने पर परिजनों ने ड्यूटी पर मौजूद लेडी डॉक्टर को जानकारी दी। डॉक्टर ने लेक्टोजेन पिलाने की सलाह दी, जिसके बाद बच्चे की तबियत बिगड़ गई।परिजनों ने जब बच्चे को दिखाने की कोशिश की तो डॉक्टर ने बिना जांच किए उसे नॉर्मल बताकर लौटा दिया।

हालत बिगड़ती रही और सुबह 6 बजे नवजात को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने बच्चे की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया।नवजात की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया। 112 की टीम और मीडिया के पहुंचने के बाद ही डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही। परिजनों ने सवाल उठाया कि बच्चे की मौत के तुरंत बाद पोस्टमार्टम की पहल क्यों नहीं की गई।पीड़ित परिवार के फूफा अनिल भास्कर ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की सलाह पर ही उन्होंने लेक्टोजेन पिलाया और बच्चे की जान चली गई। उनका कहना है कि जब तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर को दिखाया गया, तब भी लापरवाही बरती गई। यह मामला एक बार फिर सिम्स की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। परिजनों ने दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी लोग नाराजगी जता रहे हैं।