
बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार सवालों के घेरे में है। हालत यह हो गई है कि घर में चैन की नींद लेने वाला व्यक्ति हो या सड़कों पर टहलने और घूमने निकलने वाला नागरिक, हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।जिले में शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता हो जब सिटी से लेकर ग्रामीण थानों में हत्या, हत्या की कोशिश, लूटपाट, उठाईगिरी, स्नेचिंग, गैंगवार या चोरी जैसे अपराध दर्ज न होते हों।अपराधों की बाढ़ ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।इसी बीच शहर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के 11 साल बेमिसाल अवसर पर विकसित भारत का अमृत काल प्रदर्शनी और प्रोफेशनल मीट कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव से जब प्रदेश और बिलासपुर की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल पूछा गया, तो वे जवाब देने से बचते नजर आए।उनका इस मुद्दे पर चुप रहना जनता में असंतोष और चिंता बढ़ा रहा है।लोगों का कहना है कि जब प्रदेश के जिम्मेदार नेता ही जवाब देने से कतराते हैं, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा की उम्मीद किससे करें।हर दिन बढ़ रही वारदातें और अपराधियों के बेखौफ हौसले यह साबित कर रहे हैं कि कानून व्यवस्था संभालने वाले अधिकारी और सिस्टम अपनी जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर नहीं हैं।जनता अब यह सवाल कर रही है कि आखिर कब तक अपराधियों को खुली छूट मिलती रहेगी।फिलहाल यह गंभीर विषय प्रदेश की सियासत से लेकर आम जनमानस में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।हर कोई यह जानना चाहता है कि कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिम्मेदार कौन है और आखिर कब तक आम लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जीते रहेंगे।