नवपदस्थ डीएफओ ने वनमंडलाधिकारी कार्यालय बिलासपुर पहुंचकर पदभार ग्रहण कर लिया है। पहले दिन डीएफओ ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इसी के साथ डीएफओ ने मीडिया से भी बातचीत के दौरान बिलासपुर डिवीजन को संभालने को काफी चुनौतीपूर्ण बताया।

सोमवार को बिलासपुर मण्डल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की मीटिंग ली। मीटिंग के फौरन सभी को स्पष्ट हिदायत दिया गया कि सभी नियम कायदों के दायरे में रहकर अपना कामकाज करें। किसी तरह की किसी की कोई कमी पाई गई तो उस पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। डीएफओ ने जी न्यूज से भी खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बिलासपुर वन मण्डल की जिम्मेदारी संभालना अपने आप मे बड़ी चुनौती है। डीएफओ से पूछा गया कि फदहाखार जंगल को संवारने के किये करोड़ो रूपये स्वीकृत किये गए थे लेकिन वर्तमान में फदहाखार जंगल मे काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। इस पर उन्होंने कहा कि जितने भी पेंडिंग पड़े कामकाज है सभी की वे समीक्षा करेंगे और उसकी जानकारी लेकर कामकाज पुनः सुचारू रूप से शुरू कराएंगे। इसी तरह उनसे पूछा गया कि गर्मी के समय मे जंगलों में आगजनी की घटनाएं घटित होती है। वे इसपर किस तरह से अंकुश लगाएंगे उन्होंने जवाब देते हुए दावा किया कि मण्डल ने इसकी सारी तैयारी कर ली है जंगल मे आगजनी जैसी घटनाएं नही होंगी।

बहरहाल भ्रष्टाचार का गढ़ माना जाने वाला बिलासपुर वन मंडलाधिकारी कार्यालय में कितने डीएफओ आए और चले गए लेकिन यहां लंबे समय से अंगद की तरह पांव जमाएं बैठे अधिकारियों के सामने किसी की एक नही चली। क्योंकि यहां अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक का एक संघ बना हुआ है।अगर किसी एक पर भी कार्यवाही होती, सभी एक जुट होकर उसके खिलाफ हल्ला देते है। यही वजह है कि लंबे समय से बिलासपुर वन मंडल का किसी तरह का कोई विकास नहीं हुआ। लेकिन जंगल से ज्यादा सभी के घरों और निजी ठिकानों में जरूर विकास हुआ है।फिलहाल जब से तेज तर्रार आईएफएस अफसर डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बिलासपुर मण्डल का पदभार सँभाला है तब से गैर जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। उम्मीद जताई जा रही है अब बिलासपुर वन मण्डल का जरूर भला हो सकेगा।