स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की प्रेरणा से महाराष्ट्र में सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत हुई। एक लंबे अरसे तक बिलासपुर क्षेत्र में भी मराठा राजाओं का प्रभाव रहा है उन्हीं के प्रभाव से यहां भी बड़ी संख्या में बसे प्रवासी मराठियों द्वारा सार्वजनिक गणेश उत्सव की नींव रखी गई। यही कारण है कि बिलासपुर में भी बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव होते हैं। यहां भी गणेश उत्सव पर स्थानीय मूर्तिकार प्रतिमाओं के निर्माण में कलात्मकता का निर्भीक प्रयोग करते हैं। इन्हीं में से अमित और सुमित सूत्रधर भाइयों का नाम अग्रणी है, जिनके द्वारा हर बार एक से बढ़कर एक प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है। इस बार बिलासपुर में विराजित होने वाले लंबोदर किस स्वरूप में होंगे, आइए देखते हैं उसकी एक झलक।



