मंगलवार चैत्र प्रतिपदा से चैत्र बासंती नवरात्रि महोत्सव का आरंभ हो गया। सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन और आराधना के लिए पहुंच रहे हैं , जिसे लेकर यहां विशेष तैयारी की गई है।

9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि को लेकर सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर में विशेष तैयारी की गई है। मंदिर को भव्य और आकर्षक ढंग से सजाया गया है। दूर-दूर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन द्वारा भी विशेष व्यवस्था करते हुए अलग-अलग स्टाल लगाए गए हैं। प्रतिपदा तिथि पर प्रातः यहां अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापित कर देवी की पूजा अर्चना और आरती की गई। प्रातः मंदिर में धूप परिक्रमा की गई। फिर द्वार पूजा और फिर माता रानी का आह्वान किया गया। इसके पश्चात घट स्थापना के बाद महामाया की दिव्य आरती की गई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।


हर वर्ष की भांति यहां इस वर्ष भी करीब 22,000 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं। धार्मिक अनुष्ठान के साथ मंगलवार को ज्योति कलश कक्ष में ज्योति प्रज्वलित की गई, जिसकी झिलमिलाती दिव्य आभा देखते ही बन रही है। दीप मालाओं की रश्मियों के सात्विक अवर से सुसज्जित माता रानी का दरबार जगमगा उठा है।


नवरात्रि की पहले ही दिन प्रतिपदा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए पहुंचे । इस अवसर पर मंदिर परिसर में रात 9:00 बजे से सुबह 4:00 तक जस गीत मंडली द्वारा जस गीत की प्रस्तुति दी जा रही है। वहीं यज्ञ स्थल में यज्ञ भी आरंभ कर दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दूर-दूर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, भोजन की निशुल्क व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, इलाज आदि की भी व्यवस्था मंदिर परिसर में है। मां महामाया के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने उनकी महिमा का बखान करते हुए खुद के सौभाग्य पर गर्व किया।

श्रद्धालुओं को रतनपुर महामाया मंदिर पहुंचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्था की है, तो वही पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। कालरात्रि तिथि पर देवी दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। वैसे पहले दिन से ही दूर-दूर से श्रद्धालु माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचने लगे तो वही इस अवसर पर यहां पारंपरिक मेला भी भरा है, जो आकर्षण का केंद्र है।