
बोदरी नगर पालिका परिषद की सामान्य वर्ग महिला के लिए आरक्षित सीट पर दावेदारों में सक्रियता बढ़ गई है। इस दौड़ में श्रीमती बिमला सुनील साहू का नाम प्रमुखता से उभर रहा है। उनकी दावेदारी को कई ठोस आधार मिल रहे हैं, जो उन्हें अन्य प्रत्याशियों से अलग बनाते हैं।
बिमला सुनील साहू की दावेदारी के प्रमुख आधार

1. शिक्षित उम्मीदवार
श्रीमती बिमला सुनील साहू ने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है। उनकी शैक्षणिक योग्यता उन्हें नगर पालिका के शासकीय कार्यों को समझने में सहायक बनेगी। साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संवाद स्थापित करने में यह उनकी बड़ी ताकत होगी।
2. समाज सेवा में रुचि
समाज सेवा के प्रति उनकी गहरी रुचि के चलते उन्होंने रोजगार सहायक की नौकरी को मात्र दो साल में छोड़ दिया। इसके अलावा, शिक्षा कर्मी के रूप में चयनित होने के बाद भी उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं की और समाज सेवा को प्राथमिकता दी। यह समर्पण उन्हें जनता से जोड़ता है और उनके लिए समर्थन जुटाने में सहायक होगा।
3. सामाजिक समीकरण
बोदरी नगर पालिका क्षेत्र में 17,000 मतदाता हैं, जिनमें से 13,000 मतदाता पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आते हैं। इनमें साहू समाज के लगभग 3,000 मतदाता हैं। साहू समाज में उनकी गहरी पकड़ और सभी समाजों से मधुर संबंध उन्हें व्यापक समर्थन दिला सकते हैं।
4. पारिवारिक राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
उनके पति, सुनील साहू, पिछले 15-16 वर्षों से राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय हैं। वे वर्तमान में युवा कांग्रेस के बिल्हा विधानसभा के निर्वाचित अध्यक्ष हैं और साहू समाज के संगठन सचिव के रूप में भी काम कर रहे हैं। उनकी तेजतर्रार छवि और संगठन कौशल भी बिमला सुनील साहू की दावेदारी को मजबूत बनाते हैं।
5. ओबीसी समाज का समर्थन
ओबीसी समाज से कोई अन्य दावेदार न होने के कारण, बिमला सुनील साहू की दावेदारी को स्वाभाविक समर्थन मिलने की उम्मीद है। साहू समाज के अलावा अन्य वर्गों के साथ उनके मधुर संबंध और सहयोगात्मक दृष्टिकोण भी उनके पक्ष में जाएंगे।

टिकट मिलने की संभावना
सभी आधारों को देखते हुए श्रीमती बिमला सुनील साहू का टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। उनकी शैक्षणिक योग्यता, समाज सेवा का अनुभव, सामाजिक समीकरण और पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें एक मजबूत प्रत्याशी बनाते हैं।
बोदरी में महिला नेतृत्व के इस अवसर को लेकर जनता की नजरें अब टिकट वितरण पर टिकी हैं। अगर बिमला सुनील साहू को टिकट मिलता है, तो यह क्षेत्र में महिला नेतृत्व को नया आयाम दे सकता है।