गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके साथ ही पेयजल संकट भी गहराने लगा है। यह स्थिति केवल किसी एक क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में समान रूप से देखी जा रही है। जल स्तर में गिरावट के कारण अब यह समस्या गंभीर रूप ले रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बिलासपुर जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। बिलासपुर जिले में बिना अनुमति बोरिंग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निजी पेयजल के उपयोग के लिए भी बोर खनन कराना चाहता है, तो उसे पहले संबंधित अनुविभागीय अधिकारी या अपर कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करनी होगी। बिना अनुमति के किया गया बोर खनन अवैध माना जाएगा और उस पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।कलेक्टर ने यह भी कहा कि गर्मी के मौसम में जल संकट से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए जनसहभागिता भी बेहद आवश्यक है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि भू-जल ग्राउंड वॉटर का अनावश्यक दोहन न करें और जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी क्षेत्र से अवैध बोरिंग या भू-जल का अत्यधिक दोहन करने की शिकायत मिलती है, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि आने वाले दिनों में पानी की समस्या और अधिक न बढ़े और सभी नागरिकों को आवश्यकता अनुसार जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। गर्मी के इन मुश्किल दिनों में जल संरक्षण केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।