
गर्मी के मौसम में अक्सर जंगलों में पानी की किल्लत जानवरों के लिए बड़ा संकट बन जाती है। लेकिन इस बार एटीआर प्रबंधन ने पहले से तैयारी कर रखी है। हाल ही में कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि रिजर्व की सातों रेंजों में मौजूद 400 प्राकृतिक जलस्रोतों में पर्याप्त पानी मौजूद है। इसके अलावा, 132 कृत्रिम जलस्रोतों को भी पानी से भरने की व्यवस्था की गई है, जिनकी नियमित निगरानी की जा रही है।उप संचालक गणेश यू. आर. ने बताया कि हर जलस्रोत की देखरेख के लिए वनरक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि कहीं भी जलस्तर कम पाया जाता है तो तत्काल टैंकर के जरिए जलापूर्ति की जाती है।

जंगल में पानी की उपलब्धता वन्य प्राणियों को जंगल के भीतर ही रोके रखने में मदद करेगी और इस तरह मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं भी कम होंगी।यह जल प्रबंधन केवल वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी बेहद अहम है। एटीआर प्रबंधन का यह प्रयास वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। गर्मी के इस मौसम में जब जंगल सूखते जा रहे हैं, ऐसे में अचानकमार टाइगर रिजर्व की जलस्रोत नीति बाकी संरक्षित क्षेत्रों के लिए भी मिसाल बन सकती है।