
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान को ड्रोन देने वाले तुर्की की असलियत अब सबके सामने आ गई है। भारत में विरोध तेज हो चुका है और अब तुर्कीये के खिलाफ व्यापारिक बहिष्कार की शुरुआत हो गई है। छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है, जहां थोक फल व्यापारियों ने तुर्कीये से आने वाले सेबों को बेचने से इनकार कर दिया है। बिलासपुर में फल व्यापारी महासंघ ने तुर्की से आयातित सेब की बिक्री पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है।

संघ के अध्यक्ष अनिल सलूजा ने कहा कि जो देश भारत के खिलाफ खड़ा हो, उसके साथ कोई व्यापार नहीं किया जाएगा। यही वजह है कि अब मंडियों में तुर्कीये का सेब नजर नहीं आएगा।छत्तीसगढ़ में हर साल करीब 25 करोड़ रुपये के तुर्कीये सेब की खपत होती है। ऑफ सीजन यानी गर्मियों के तीन महीनों में तुर्कीये समेत कुछ देशों से सेब आयात किए जाते हैं, लेकिन अब इस पर विराम लग गया है।अनिल सलूजा, अध्यक्ष, फल-सब्ज़ी व्यापारी संघ ने कहा कि भारत के खिलाफ कोई खड़ा होगा, तो हम उसके साथ खड़े नहीं होंगे। तुर्कीये से आने वाले सेब अब बिलासपुर में नहीं बिकेंगे।राजस्थान में तुर्कीये से आने वाले संगमरमर का बहिष्कार शुरू हो चुका है और अब छत्तीसगढ़ ने भी व्यापारिक जवाब देना शुरू कर दिया है।

यह फैसला सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में लिया गया कदम है, जिसका असर तुर्कीये की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।व्यापारियों का कहना है कि मुनाफे से पहले देश है। तुर्कीये की पाकिस्तान को ड्रोन देने की हरकत ने हर भारतीय को आहत किया है और अब बाजार ने भी साफ कर दिया है राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए यहां कोई जगह नहीं है।बिलासपुर के व्यापारियों ने जो निर्णय लिया है, वह पूरे देश के गुस्से की एक बानगी है। तुर्कीये के लिए यह केवल एक आर्थिक झटका नहीं, बल्कि भारत के आत्मसम्मान की आवाज़ है, जो अब हर कोने से बुलंद हो रही है।