
सुशासन तिहार के अंतर्गत जिला शिक्षा कार्यालय को कुल 1874 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये आवेदन ऑनलाइन और प्रत्यक्ष माध्यमों से आए हैं और इनमें शिक्षा विभाग समेत विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याएं और मांगें दर्ज की गई हैं। जन सहभागिता बढ़ाने और समस्याओं के त्वरित समाधान के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। इन आवेदनों में सबसे ज्यादा मांग स्कूलों में बाउंड्री वॉल निर्माण को लेकर आई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें स्कूल परिसरों को सुरक्षित बनाने की आवश्यकता बताई गई है। बाउंड्री वॉल की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में चिंता है। अभिभावकों ने ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया है। कई आवेदनों में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की गई है।

वहीं कुछ स्थानों पर विद्यालय प्राचार्य को हटाने की भी मांग सामने आई है, जिसे शिक्षा विभाग द्वारा समीक्षा के लिए लिया गया है। शिविरों के माध्यम से स्कूल भवनों की मरम्मत, नए भवनों के निर्माण और आधारभूत सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय और फर्नीचर की उपलब्धता को लेकर भी अनेक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि शिक्षा व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की आवश्यकता है।संविदा पर कार्यरत शिक्षक और कर्मचारियों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने की भी मांग की है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी ने कहा कि सभी मांगों का गंभीरता से परीक्षण कर समाधान और कार्यान्वयन की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार का उद्देश्य ही जन समस्याओं का त्वरित निराकरण करना है।