
बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित मंथन सभाकक्ष में माइनिंग टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में हो रहे अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर नियंत्रण को लेकर गंभीर मंथन किया गया।
बैठक के दौरान सभी विभागों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सामने आ रही चुनौतियों और समस्याओं को कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सभी विभागों की बातों को गंभीरता से सुना और अवैध खनन से निपटने के लिए आपसी समन्वय और कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अवैध खनन पर अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर खनिज विभाग के उपसंचालक दिनेश मिश्रा ने वर्ष 2024-25 के दौरान की गई कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खनिज विभाग द्वारा अब तक अवैध खनिज परिवहन के 629, अवैध उत्खनन के 85 और अवैध भंडारण के 15, इस प्रकार कुल 729 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इन प्रकरणों में 718 मामलों में कार्रवाई कर विभाग ने 1 करोड़ 99 लाख 65 हजार रुपये का राजस्व वसूल किया है। कलेक्टर ने बैठक में राजस्व विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व संहिता के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जाएं। इसी तरह वन विभाग के अधिकारियों को भी वन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई कर अवैध खनन में प्रयुक्त वाहनों को राजसात करने के निर्देश दिए गए। साथ ही परिवहन विभाग को नियमित जांच और निगरानी बढ़ाने को कहा गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अवैध खनिजों को जब्त कर उन्हें भविष्य में शासकीय निर्माण कार्यों में उपयोग में लाया जाएगा।

इससे न केवल अवैध खनन पर अंकुश लगेगा, बल्कि सरकारी कार्यों में खनिज संसाधनों की आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी। यह निर्णय शासन के संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि नए संभावित खनिज क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें खनन के लिए स्वीकृत करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऑक्शन प्रक्रिया के माध्यम से रेत खदानों का संचालन कराया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इस कदम से जिले में चल रहे निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक खनिज सामग्री की उपलब्धता बढ़ेगी और ग्रामीण पंचायतों एवं शासन को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। यह निर्णय विशेष रूप से सरकारी निर्माण एजेंसियों को राहत देगा, जिन्हें अक्सर रेत और अन्य खनिजों की कमी के कारण परियोजनाओं में विलंब का सामना करना पड़ता है। बैठक के अंत में कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए एकीकृत अभियान चलाया जाए।