अब तक महज 55 फ़ीसदी उपभोक्ता ही केवाईसी करवा सके हैं।
महिलाओं को लग रहा था कि ₹500 में गैस सिलेंडर ईकेवाईसी करवाने पर मिल जाएगा।
जिले के ढाई लाख गैस उपभोक्ताओं के पास ई केवाईसी करवाने के लिए अब केवल 15 दिन का समय बाकी है, यदि ई केवाईसी की तारीख नहीं बढ़ाई गई तो हजारों लोग ई केवाईसी से वंचित हो सकते हैं। यह भी हो सकता है कि दबाव बनाने के लिए कइयों के कनेक्शन ब्लॉक कर दिए जाए। पहले तो ऑइल कंपनियों ने मौखिक तौर पर एजेंसियों को यह निर्देश दिया ही था। वहीं लोगों का कहना है कि इसे ऑनलाइन कर दिया जाए, जबकि ऑयल कंपनी ने साफ कह दिया है की एजेंसी में जाकर ही केवाईसी करवाना अनिवार्य है।
अब तक महज 55 फ़ीसदी उपभोक्ता ही केवाईसी करवा सके हैं। जबकि जिले में साढ़े पांच लाख से ज्यादा एलपीजी उपभोक्ता है। जब ई केवाईसी के लिए 31 दिसंबर 2023 तक ही समय था तब लोग एजेंसी में उमड़ पड़े थे, उपभोक्ताओं में मारामारी की स्थिति थी। सबसे ज्यादा भीड़ महिलाओं की लग रही थी। महिलाओं को लग रहा था कि ₹500 में गैस सिलेंडर ईकेवाईसी करवाने पर मिल जाएगा। समय कम होने और चूक न जाए यह सोचकर महिलाएं जल्द से जल्द ही केवाईसी करवा लेना चाहती थी। भाजपा के घोषणा पत्र का असर एजेंसियों के बाहर लगने वाली भीड़ में साफ तौर पर दिख रहा था। गैस डिसटीब्यूटरों के लिए भीड़ संभाल पाना मुश्किल हो रहा था। गैस एजेंसी संचालक का कहना है कि 15 दिनों में लक्ष्य को पूरा कर पाना मुश्किल है, यदि तिथि बढ़ाई जाए तब जाकर हो सकता है। वहीं उन्होंने कहा कि कई उपभोक्ता सब्सिडी नहीं लेना चाहते तो कई बाहर चले गए हैं तो कइयों की मृत्यु हो गई है। इस प्रकार ऐसे उपभोक्ता की संख्या पैतीस फीसदी के आसपास होगा।शत प्रतिशत इ केवायसी हो ही नही सकता।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने ₹500 में लोगों को गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी, भाजपा चुनाव जीत गई इसके बाद लोगों को गैस सिलेंडर के दाम घटने की उम्मीद थी। उम्मीद तब और बढ़ गई जब तेल कंपनियों ने गैस एजेंसी को सभी उपभोक्ताओं का ई केवाईसी करने का आदेश दिया। वही आईल कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि हर उपभोक्ता को ई केवाईसी करवाना अनिवार्य है। जो अब तक नहीं करवाए हैं उन्हें असुविधा से बचने के लिए तत्काल एजेंसी जाकर ही केवाईसी करवाना चाहिए ।लोगों को स्वयं इसके लिए जागरूक होना होगा। कुछ नौकरी पेसा और व्यापारियों ने तो केवाईसी को ऑनलाइन करने की बात कही, ऐसा करने से सभी को आसानी होगी। हर उपभोक्ता एजेंसी जाएगा तो एजेंसी में फिर से भीड़ बढ़ेगी वहां भी ई केवाईसी में समय लगेगा। ऑनलाइन की सुविधा देने से समस्या दूर हो जाएगी वैसे भी सभी का आधार बना है ऐसे में बायोमेट्रिक की जरूरत नहीं रह जाएगी। इधर केवाईसी करवाने जा रहे उपभोक्ताओं को सुरक्षा के नाम पर पाइप लेने की भी शरद लगा दी गई है। इसे लेकर भी अक्सर विवाद की नौबत पैदा होती है।